अतिश दीपंकर, पटना (बिहार), NIT;
भाकपा-माले, खेग्रामस व अखिल भारतीय किसान महासभा के संयुक्त बैनर तले 25-31 मार्च तक भूमि अधिकार सत्याग्रह सप्ताह के तहत पूरे बिहार में सत्याग्रह आंदोलन चल रहा है। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि, विधानसभा के वर्तमान सत्र में सरकार वास-आवास कानून पारित करें, अन्यथा राज्यव्यापी आंदोलन छेडा जाएगा। 30 मार्च को इन्हीं मुद्दों पर पटना में विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा।
माले नेताओं ने कहा कि 25 मार्च से जारी सत्याग्रह के तहत राज्य के लगभग 30 अनुमंडल कार्यालयों पर प्रदर्शन किया गया। जिसके तहत बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए गरीबों को उजाड़ने पर रोक, अनधिकृत कालोनियों को अधिकृत करने, जो लोग जिस जमीन पर बसे हैं उसका पर्चा अविलंब वितरित करने, भूमि सुधार की सिफारिशों को लागू करने, सभी भूमिहीनों को 5 डिसमिल वास भूमि देने, बसे गरीबों को जमीन का पर्चा देने, नया शहरी भू-हदबंदी कानून बनाने, सभी शहरी गरीबों को वासभूमि-आवास देने, बिना वैकल्पिक वास-आवास के गरीबों को उजाड़ने पर रोक लगाने, दलित-गरीबों के दखल-कब्जा की जमीन का पर्चा देने, वनाधिकार कानून के तहत जंगल के तमाम वाशिन्दों को भूमि का कानूनी हक देने, बटाईदारों का निबंधन करने व तमाम सरकारी सुविधा देने, सिकमी बटाईदारों की बेदखली पर रोक लगाने, सिकमीदारों को पुश्तैनी हक देने आदि की मांगें उठायी गयीं। चंपारण, भोजपुर, सिवान, जहानाबाद, अरवल आदि जगहों पर कार्यक्रम हुए हैं।
- शिक्षकों पर पुलिस लाठीचार्ज की भाकपा-माले ने की कडी निंदा
भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने आज विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन कर रहे टेट-एसटेट उतीर्ण शिक्षकों पर बर्बर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग कर रहे शिक्षकों की मांगों पर कार्रवाई करने की बजाए सरकार ने बर्बर तरीके से दमन कर के अपना इरादा जाहिर कर दिया है, कि युवाओं को सम्मानजनक रोजगार देने का उसका कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज में घायल शिक्षकों से भाकपा-माले पूरी सहानुभूति रखती है और उनके आंदोलन का समर्थन करती है। 28 मार्च को बिहार के छात्र-युवा आइसा-इनौस के बैनर तले विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन करेंगेह
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