शारिफ अंसारी, मुंबई, NIT; डॉक्टरों द्वारा शुरु सामूहिक राज्य व्यापी आंदोलन के समर्थन में उतरे भिवंडी के डॉक्टरों ने गत दिनों पारित आदेश को तत्काल रद्द करने, डॉक्टर तथा वैद्यकीय सेवा देने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था किए जाने की मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोशिएशन के नेतृत्व में भिवंडी शहर के लगभग डेढ सौ से अधिक नर्सिंग होम बंद रखकर पीडित डॉक्टरों को न्याय दिलाने के लिए समर्थन दिया।
ज्ञात हो कि धुलिया स्थित शासकीय अस्पताल में रहिवासी डॉक्टर रोहन म्हामुणकर की मरीज के रिश्तेदारों ने पिटाई कर दी थी। जिसके विरोध में राज्य के अस्पताल में सेवा करने वाले डॉक्टरों ने उक्त मारपीट की घटना के कुछ दिनों बाद राज्य के शासकीय अस्पताल के डॉक्टरों ने सामूहिक राज्य व्यापी आंदोलन का आवाहन किया था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने डॉक्टरों को फटकार लगाते हुए तत्काल काम पर हाजिर होने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश पर अमल करते हुए आदेश जारी किया है कि चौबीस घंटे में काम पर हाजिर हों अन्यथा निलंबित कर दिया जाएगा। उक्त आदेश के बाद डॉक्टरों ने आंदोलन शुरु कर दिया है। जिससे शासन ने इनके विरुद्ध कार्रवाई करना भी शुरू कर दिया है। उक्त कार्रवाई के विरोध में महाराष्ट्र राज्य के वैद्यकीय व्यवसाय करने वाले हजारों डॉक्टरों को समर्थन देने के लिए भिवंडी शहर के डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोशिएशन के नेतृत्व में काम बंद कर एक दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं।
दोपहर में ओनियन मेडिकल एसोशिएशन के अध्यक्ष डॉ सलाम अन्सारी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल उप विभागीय अधिकारी कार्यालय पहुंचकर उप विभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। डॉक्टर वर्ग मरीजों की सेवा करते हैं, यदि उनके ऊपर इसी प्रकार हमले जारी रहे तो डॉक्टरों को काम करने में भारी असुविधा होगी और मरीजों को समय से उपचार नहीं मिलेगा जो उनके जीवन के खतरा होगा। इस प्रकार की प्रतिक्रिया इंडियन मेडिकल एसोशिएशन के भिवंडी शहर अध्यक्ष डॉ सलीम अन्सारी ने देते हुए कहा कि सायंकाल इस बाबत सभा लेकर आंदोलन की अगली रणनीति तैयार की जाएगी।
उप विभागीय अधिकारी की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार गणेश म्हात्रे ने एसोसिएशन का ज्ञापन स्वीकार किया और शासन के पास आगे की कार्रवाई के लिए भेजने के लिए आश्वस्त किया। उक्त शिष्टमंडल में पूर्व अध्यक्षा डॉ सुप्रिया अरवारी , डॉ जुनेद पोकार , डॉ . मनोहर अरवारी आदि शामिल थे।
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