पवन परूथी/संदीप शुक्ला/गुलशन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:
आजादी के समय उस समय के अखबारों ने भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। महात्मा गाँधी सहित अन्य स्वतंत्रता सैनानियों ने अखबारों को ख़बरों के माध्यम से आन्दोलन का स्वरुप दिया इससे आजादी की लड़ाई और देश को आजाद कराने जन जागरण के व्यापक स्वरुप से लोगों में एक सकारात्मक भाव जागा और इसी भाव से अंग्रेजों से भारत देश मुक्त हुआ, यह बात परमात्म शक्ति द्वारा स्वर्णिम भारत की स्थापना के अंतर्गत ओमशांति मीडिया पाक्षिक समाचार पत्रिका के सफलतम 21 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रभु उपहार भवन डॉ. आहूजा के सामने आयोजित रविवार को मीडिया महासम्मेलन के मुख्य वक्ता प्रो. कमल दीक्षित पूर्व विभागाध्यक्ष माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने कही। प्रो. दीक्षित ने कहा कि आज के वर्तमान समय में पत्रकारिता अपने मापदंड को भलीभांति तय नहीं कर पा रही है इस कारण से समाज में विसंगतियां देखने को मिल रहीं हैं। प्रो. दीक्षित ने कई उदाहरणों को पेश करते हुए कहा शायद ही ऐसा कोई अखबार, कोई इलेक्ट्रोनिक चैनल हो जिसमें अपराध या अन्य ऐसी कोई ख़बरें जिससे समाज में दोष पैदा हो देखने को मिल रहीं हैं। प्रो दीक्षित ने कहा कि महाराष्ट्र और म.प्र. के कुछ बड़े अखबारों ने बड़ा ही अच्छा प्रयोग किया है जिसमें उन्होंने प्रथम पेज पर नकारात्मक न्यूज़ को स्थान नहीं दिया है। उन्होंने इस प्रकार की ख़बरों को अन्दर के पेजों पर स्थान दिया है, इस प्रयोग से समाज में नयी दिशा देखने को मिल रही है। उल्लेखनीय है कि मीडिया महासम्मलेन का विषय स्वर्णिम भारत की स्थापना में मीडिया का योगदान था।
मीडिया महासम्मेलन में पूर्व संपादक साधना पत्र मैगजीन बी.के. अनुज ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता बहुत ही जटिल कार्य है लेकिन पत्रकारिता में यदि आध्यात्म आ जाये तो इसकी राह बड़ी ही सहज हो जाती है। बी.के. अनुज ने कहा कि जब तक हम सकारात्मक सोच से पत्रकारिता नहीं करेंगे तब तक समाज को एक नयी दिशा नहीं मिलेगी। इस दौरान बी. के. अनुज भाई ने मोटिवेशन टॉक शो के माध्यम से पत्रकारों को आध्यात्म द्वारा सच्ची पत्रकारिता करने की टिप्स दी।
महासम्मेलन के अपर संचालक जनसंपर्क जी. एस. मौर्य ने संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता की इस आपाधापी के दौर में हमें अखबारों में नकारात्मक ख़बरें पढने को मिल रहीं हैं पत्रकारों को इससे बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार नकारात्मक ख़बरों के कारण सकारात्मक ख़बरें सबके सामने नहीं आ पातीं हैं। उन्होंने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय को साधुवाद दिया कि ओमशांति मीडिया पाक्षिक पत्रिका के 21 वर्ष पूर्ण होने पर मीडिया महासम्मलेन का आयोजन किया।
मीडिया महासम्मेलन में अध्यक्षता कर रहे बी.के. गंगाधर भाई संपादक ओमशांति मीडिया माउंट आबू ने बड़े ही विस्तृत रूप से कहा कि 21 वर्ष पूर्व हमने मात्र दो हज़ार कापियों से ओमशांति मीडिया पत्रिका की शुरुआत की थी आज मुझे आप सभी को बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आज पत्रिका की लगभग डेढ़ लाख कॉपियां प्रिंट हो रहीं हैं और लोगों को पत्रिका के नए अंक आने का बेसवरी से इंतज़ार रहता है। ख़ास बात यह है कि हम पत्रिका में किसी भी प्रकार का विज्ञापन नहीं स्वीकार करते हैं। 21 सालों में हमने सिर्फ और सिर्फ सकारात्मक ख़बरों के ही दम पर ही इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि परमात्म शक्ति द्वारा स्वर्णिम भारत की स्थापना की जा रही है, इसमें प्रचार प्रसार के लिए मीडिया अपना योगदान वैभवपूर्ण प्रभाव से दे ताकि मीडिया जन जागरण के बीच अपनी सशक्त भूमिका अदा कर सके।
मीडिया महासम्मेलन के अंत में सेवाकेंद्र संचालिका ब्रहामाकुमारी आदर्श दीदी जी ने सभी मीडिया बंधुओं को राजयोग के जरिये आध्यात्मिकता से जुड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब तक जीवन में तनाव रहेगा तब तक कठिनाइयाँ प्रकट होती रहेंगी इसको दूर करने का सबसे अच्छा माध्यम राजयोग है। दीदी ने मीडिया कर्मियों को मैडिटेशन भी कराया। महासम्मलेन का सफल संचालन कर रहे बी.के. प्रहलाद ने कहा कि जब तक आप सभी आध्यात्म और योग से नहीं जुड़ेंगे तब तक शांति का अभाव आप सभी के मन में बना रहेगा। प्रह्लाद भाई ने कई पत्रकार बंधुओं की जिज्ञासाओं को भी अपने अनूठे आध्यत्मिक प्रभाव से हल किया। परमात्मा की याद में मैडिटेशन गीत का आयोजन किया गया। मीडिया महासम्मलेन में सभी अथितियों ने दीप प्रज्जवलन किया और कुमारी सृष्टी, कुमारी मुनमुन ने स्वागत नृत्य के साथ सभी का स्वागत किया गया। मीडिया महासम्मलेन में कांग्रेस नेता किशन मुद्गल, बी.के. ज्योति, बी. के. आशा सहित बड़ी संख्या में भाई बहिन मौजूद रहे।
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