वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतिम दिन आरटीओ कार्यालय में सड़क हादसों के दौरान इमरजेंसी केयर विषय पर एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पुलिस कर्मी व स्कूल के छात्र-छात्राओं को इमरजेंसी केयर विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि एसीएमओ डॉ. रविंद्र शर्मा व डॉ. रविंद्र नाथ ने शिरकत की। कार्यक्रम का आयोजन सड़क परिवहन अधिकारी वीके सिंह व पीके सिंह द्वारा किया गया।
सड़क हादसों में घायल हुए लोगों को प्राथमिक इलाज देने को लेकर इमरजेंसी केयर विषय पर डॉ रविंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सड़क दुर्घटना के उपरांत सैद्धांतिक रूप से तीन बातों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है, पहला जान को बचाए रखना, दूसरा तबीयत को और अधिक खराब होने से रोकना तथा तीसरा रिकवरी को जल्द से जल्द करवाना। इसके लिए आवश्यक है कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की अवस्था का शीघ्रता से आकलन किया जाए, उसकी बाहरी अथवा अंदरूनी चोटों को समझते हुए मौके पर उपस्थित संसाधनों का उपयोग करते हुए शीघ्र ही नजदीकी अस्पताल पहुंचाया जाना। सर्वप्रथम यह जानना जरूरी है कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति होश में है अथवा नहीं, उसके शरीर के अंदर या बाहर खून का रिसाव तो नहीं हो रहा है, उसके सांस के मार्ग में कोई अवरोध तो नहीं, सांस व दिल की धड़कनें चल रही हैं या नहीं। इन सभी बातों को जानने के तरीके भी आपको जानने होंगे। किन लक्षणों से इन्हें पहचाना जा सकता है यह भी समझना जरूरी है। इसके लिए एक डेमोंसट्रेशन दिया गया है। जिससे इसे लोग आसानी से समझ सकें। इसके बाद डॉ रविंद्र नाथ व रेड क्रॉस की टीम ने सभी बिंदुओं पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रैक्टिकल करके दिखाया, कि किस प्रकार व्यक्ति को स्थानीय स्ट्रेचर बनाकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है। उसे बाईं और लिटाल कर उसे आराम पहुंचाया जा सकता है। शरीर से उन सभी चीजों को ढीला कर देना चाहिए जो खून के बहाव में अवरोध पैदा कर रही हों, जिनमें हेलमेट, बेल्ट व आप के मोजे हो सकते हैं। इसके उपरांत आरटीओ वीके सिंह व पीके सिंह ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को सड़क सुरक्षा कानूनों पर जानकारी दी।
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