कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; महाराष्ट्र के किसानों की पूर्ण कर्जमाफी की मांग को लेकर विरोधी पक्ष कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने भाजपा सरकार पर विधान मंडल के सत्र में दबाव बनाकर किसानों के हित में आवाज़ उठाई थी, नतीजतन राज्य सरकार ने हंगामा करने वाले कांग्रेस एवं राकांपा के 18 विधायकों को आगामी 9 माह के लिए निलंबित कर दिया है। इस निलंबन में बुलढाणा से कांग्रेस के विधायक हर्षवर्धन सपकाल का भी समावेश होने के कारण आज बुलढाणा ज़िले में कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने इस निलंबन का विरोध जताते हुए राज्य की भाजपा सरकार का निषेध किया। इन दिनों महाराष्ट्र विधानसभा का अर्थसंकल्पीय अधिवेशन चल रहा है।18 मार्च को राज्य के अर्थ मंत्री सुधीर मुंगटिवार अर्थसंकल्प पेश कर रहे थे तब कांग्रेस व राकांपा के विधायकों ने किसानों को पूर्ण कर्जमाफी देने की मांग करते हुए सदन में हंगामा खड़ा कर दिया था और कर्जमाफी की मांग पर डटे रहे थे। सभागृह में हंगामा करना, बॅनर फहराना, घोषणाबाज़ी, अपमान करना, अर्थसंकल्प की प्रति जलाना, सभागृह की प्रतिमा मलिन करना, इन आरोपों के तहत कांग्रेस व राकांपा के अब्दुल सत्तार, हर्षवर्धन सपकाल, जितेंद्र अव्हाड, भास्कर जाधव सहित अन्य विधायकों को 9 माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस निलंबन की जानकारी बुलढाणा में पहुंचने के बाद ज़िले भर में कांग्रेस कार्यकर्ता रास्ते पर उतर आये। फड़नवीस सरकार के इस तुगलकी फरमान का निषेध जताते हुए बुलढाणा के जयस्तंभ चौक में राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई और निलंबन तत्काल वापस लेते हुए किसानों का पूर्ण क़र्ज़ माफ़ किये जाने की मांग की गई। इस मांग का ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया गया।सइस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेश सचिव संजय राठोड, तहसील अध्य्क्ष सुनील तायडे, जि.प.सदस्य श्रीमती जयश्री शेलके, एड.शरद राखोंडे, ज़ाकिर कुरैशी, रसूल खान, आरिफ खान, कौतिक जाधव, गजंफर खान, श्लोकानन्द डांगे सहित अन्य मौजूद थे। इसी प्रकार बुलढाणा तहसिल के ग्राम धाड़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधायक हर्षवर्धन सपकाल के निलंबन का निषेध दर्शाते हुए मुख्यमन्त्री देवेन्द्र फड़नवीस का प्रतिकातमक पुतले को आग लगाते हुए किसान विरोधी भाजप सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना रोष व्यक्त किया। इस समय धाड़ के सरपंच रिज़वान सौदागर, मो.शफी, महेंद्र बोर्डे, प्रभाकर वाघ, दिलीप खांडवे, शिवाजी देशमुख, सुनील चांदा, अरविंद गुजर, मुश्ताक सौदागर सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे। इसी तरह मोताला में भी कांग्रेस की तरफ से राज्य सरकार के विरोध में नारेबाजी की गई और तहसील प्रशासन को ज्ञापन देते हुए विधायकों का निलंबन वापस लेने की मांग की गई।
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