अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार केंद्र में गठित सरकार में पहले के मुकाबले राजस्थान को कम प्रतिनिधित्व मिला है। मोदी की पिछली सरकार में गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल, सी.आर चौधरी के अलावा पी.पी चौधरी व राज्यवर्धन सिह राठौड़ भी मंत्री थे जबकि अब राजस्थान से गजेन्द्र सिह, अर्जुन मेघवाल व कैलाश चौधरी को ही मंत्रीमंडल में जगह मिल पाई है।
अगर राजस्थान को नरेन्द्र मोदी सरकार में मिले पिछले प्रतिनिधित्व को सम्भाग व बिरादरी वार देखें तो पाते हैं कि शेखावत व राठौड़ राजपूत व जोधपुर व जयपुर सम्भाग, मेघवाल बीकानेर सम्भाग व एससी, सी.आर चौधरी अजमेर सम्भाग व जाट एवं पीपी चौधरी जोधपुर सम्भाग व सिरवी थे जबकि अब शेखावत गजेन्द्र जोधपुर व राजपूत, अर्जुन मेघवाल बीकानेर सम्भाग व एससी, कैलाश चौधरी जोधपुर सम्भाग व जाट। यानी जाट, राजपूत व एससी के साथ साथ जोधपुर, बाडमेर व बीकानेर एक दूसरे के लगते जिले को नवगठित मोदी सरकार में प्रतिनिधित्व मिला है। 2014 व 2019 में सभी पच्चीस सांसद भाजपा के होने की समानता के बावजूद एक फर्क यह है कि 2014 में राजस्थान में भाजपा की सरकार थी एवं अब 2019 में कांग्रेस की सरकार है।
कुल मिलाकर यह है कि 2014 की तरह 2019 के लोकसभा चुनावों मे भाजपा के सभी पच्चीस सांसद जीताने के बावजूद पहले के मुकाबले राजस्थान को कम प्रतिनिधित्व मिलने की चर्चा आम है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पूत्र दुष्यन्त सिंह के सबसे अधिक दफा लगातार जीतते रहने के साथ साथ सीनियर सांसद होने के बावजूद मंत्री नहीं बनाने को लेकर भी काफी चर्चा हो रही है।
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