मेहलक़ा अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
कुछ सर फिरे लोगों की वजह से आज भी इंसाफ़ मिलने की उम्मीद है, लेकिन लंबे समय तक इंतेज़ार के बाद। बात हो रही है मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत एमगिर्द की, जिसे भाजपा के पूर्व प्रदेशध्यक्ष एवं सांसद ने न सिर्फ गोद लिया था बल्कि अपने चहेतों को बैठाकर भ्रष्टाचार और मनमानी की छूट भी दी थी। भ्रष्टाचार की चरम सीमा, लेकिन सुनने वाला ऊपर से नीचे तक कोई नहीं। अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत को चरितार्थ करती थी, यह पंचायत। क्योंकि दिल्ली तक पहुंच वाले बास की सरपरस्ती जो हासिल थी। ऐसे तथाकथित लोगों की मनमानी को एक झटके में क़ानूनी शिकंजा लग गया। पूर्व सरपंच नसरीन अली के पति मोहम्मद भाई की शिकायत पर सांसद महोदय की एमागिर्द की चेहती सरपंच रेखा बाई प्रताप आज न केवल आर्थिक अनियमितता के लिए दोषी क़रार दी गई बल्कि 6 साल के लिए अयोग्य भी घोषित हुईं। रेखा बाई प्रताप के विरुद्ध शासन नियम विरुद्ध ग्रेवल रोड़ बनाने के संबंध में चल रहे प्रकरण में श्री रोहन सक्सेना, विहित अधिकारी अपर कलेक्टर (विकास) एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40(1) (दो) के तहत आदेश पारित कर लगभग 3 लाख रुपये की आर्थिक अनियमितता के लिए सरपंच सचिव सहित कुल पांच लोगों को समान रूप से दोषी माना जाकर प्रत्यक से रूपये 59,925 रूपये भरपाई 15 दिवस में करने का आदेश जारी किया गया है।
इस प्रकरण में शिकायत कर्ता वर्तमान उप सरपंच एमगिर्द, मोहम्मद अली की ओर से राजू बन्नातवाला, अधिवक्ता ने पैरवी की।
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