फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
कलेक्ट्रेट परिसर स्थित सेनानी भवन के सभागार में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर गुरुवार को पत्रकारिता की दिशा व दशा विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में वक्ताओं ने विभिन्न आयामों पर दृढ़ता से अपनी बात रखी।
आदर्श पत्रकार वेल्फेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अतुल चन्द्र अवस्थी “अतुल” ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने हमारे देश के आम आदमी को सदैव केंद्र बिंदु में रखा है। आज इंटरनेट ने हिंदी पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया है। देश ही नहीं विदेशों में भी हिंदी के समाचार पत्र और न्यूज पोर्टल ऑनलाइन सहज उपलब्ध है। उनकी प्रसार और पाठक संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत में क्षेत्रीय वेब हिंदी पत्रकारिता का नया दौर चल रहा है। कम खर्च में बहुत सारे कर्मठ पत्रकार आम आदमी के मुद्दों को वैश्विक स्तर पर पहुंचा रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए सुखद है। उन्होंने अपनी काव्य रचना
आकार दे समाज को वो कलमकार है,
साकार करे ख्वाब को वो कलमकार है,
चारण के गीत गाते हैं वो भान्ट ही होगे,
अश्को के बांध जो बने वो कलमकार है,
के माध्यम से भी पत्रकारिता पर अपनी बात रखी।
जनपद के वरिष्ठ पत्रकार हेमन्त मिश्र ने उपस्थित पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 30 मई 1826 को प्रकाशित हुआ पहला हिंदी समाचार पत्र उदंत मार्तंड आज भी हिंदी के पत्रकारों के लिए ऊर्जा का स्रोत बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट ने हिंदी पत्रकारिता को मजबूती देने का कार्य किया है। मिश्र ने कहा आपकी लेखनी यह तय करती है कि आप विषय पर कितने गम्भीर हैं ।
प्रदेश सलाहकार एवं वरिष्ठ पत्रकार अलीमुल हक ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने सदैव समाज की समस्याओं, जरूरतों को ध्यान में रखा है। आज लोगों के हाथों में मोबाइल है, सोशल मीडिया है जिस पर नागरिक पत्रकारिता बड़े पैमाने पर की जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार संजय अवस्थी ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता का ही असर है कि आज देश ही नहीं दुनिया में भी हिंदी भाषा के प्रति लोगों का नजरिया बदला है।
पत्रकार एवं कवि डॉ0 दिनेश त्रिपाठी शम्स ने कहा कि इंटरनेट के विस्तार ने आज के दौर में पाठक और दर्शकों को हिंदी के समाचार पत्रों से जोड़े रखा है। हिंदी पत्रकारिता के माध्यम से लोगों की भावाभिव्यक्ति सरलता से व्यापक क्षेत्रों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि तकनीकी के ज्ञान के बिना आज के समय में पत्रकारिता संभव नहीं है। खुशी की बात है कि आज तकनीकी को सभी स्वीकार कर रहे हैं। बहुत सारे पत्रकार ऐसे हैं जो दैनिक जीवन में भारी दबाव में काम करते हैं। ऐसे में उन्हें बीच-बीच में विश्राम की जरूरतों पर भी संस्थान को सोचना चाहिए। पत्रकार अजीम मिर्जा ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत बड़े अभाव के साथ हुई थी। बदलते वक्त के साथ आज हिंदी समाचार पत्रों के पत्रकार हर तकनीक से लैस है। इस दौरान पत्रकार सुरक्षा कानून एवं मजीठिया आयोग की सिफारिशों पर विस्तार से परिचर्चा कर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने पर सभी ने बल दिया ।
कार्यक्रम को जिला सूचना अधिकारी गुलाम वारिस सिद्दीकी, पत्रकार गंगा प्रसाद वर्मा आदि ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन आपवा के प्रदेश उपाध्यक्ष योगेन्द्र मिश्र ने किया जबकि अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अक्षय कुमार शर्मा ने की। पत्रकारिता दिवस के अवसर पर तीन पत्रकार अखिलेश वर्मा न्यूज़ 18 यूपी, स्वप्निल द्विवेदी और धर्मेंद्र तिवारी ने पत्रकार हित पर संगठन के कार्यों से प्रभावित होकर सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष विपिन सिंह, अनुराग गुप्ता, मनीष शर्मा, सत्येन्द्र शुक्ला, अबू सहमा अशरफी, पाठक वेद प्रकाश श्रीवास्तव, अखिलेश वर्मा, अमर नाथ त्रिवेदी, संतोष कुमार मिश्रा, दया शंकर शुक्ला, हिमांशु मोहन मिश्रा सहित बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे।
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