वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी के दक्षिण खीरी वन प्रभाग में वन विभाग ने अपना जंगलराज कायम कर रखा है। जहां वन विभाग की मर्जी के बिना कोई लकड़कट्टा पेड़ काटना तो दूर की बात एक डाल तक नहीं काट सकता। लेकिन अगर वन विभाग को लकड़कट्टों से उनकी पसन्द का भरपूर नजराना मिल जाये तो फिर लकड़कट्टे जंगल की बेशकीमती लकड़ी भी काट कर ले जा सकते है। वन विभाग के भ्रष्ट अफसरों व कर्मचारियों की शह पर शातिर लकड़कट्टे हरे भरे व बेशकीमती पेड़ों पर लगातार आरा चला रहे हैं, जिसमें वन विभाग अवैध रूप से कटान करा कर मोटी रकम वसूल कर अपना बैंक बैलेंस बढ़ा रहा है।
सबसे अहम बात यह है कि अगर कोई व्यक्ति अवैध कटान की शिकायत वन विभाग के उच्चाधिकारी से करता है तो उच्चाधिकारी के आदेश पर वन विभाग के अफसर जांच करने के लिए मौके पर पहुंच तो जाते हैं मगर सिर्फ खानापूर्ति करके वापस लौट आते हैं। ऐसा ही एक मामला दो दिन पहले शारदानगर रेंज की फूलबेहड़ वन बीट में देखने को मिला। जहां मिलपुरवा गांव के पास लकड़कट्टे बाघे द्वारा सेमल के बीस पेड़ अवैध रूप से काटे जाने की शिकायत पर रेंजर एनके राॅय ने वन विभाग की टीम को जांच के लिए मौके पर भेजा। जब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो लकड़ी ठेकेदार ट्रक मे हाइड्रा क्रेन से लकड़ी भरा रहा था। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पहले तो अवैध रूप से काटी गई लकड़ी को पकड़ लिया लेकिन ठेकेदार से मोटी रकम मिलने के बाद पकड़ी गई लकड़ी को छोड़ वन विभाग की टीम बैरंग वापस लौट गई। ऐसा ही एक नजारा करीब पंद्रह दिन पहले खीरी वन बीट में देखने को मिला था। जहां शातिर लकड़कट्टों ने वन विभाग की मिलीभगत के चलते खीरी थाने से चंद कदमों की दूरी पर आम की बाग सेे आम के पचास हरे भरे व फलदायी पेड़ काट लिये। लेकिन सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची , यहां भी वन विभाग ने लकड़कट्टे से मोटी रकम वसूल कर महज पांच पेड़ अवैध रूप से काटे दिखा कर मामला रफादफा कर दिया था । ऐसा ही एक मामला ओसिया बीट के भनवापुर गांव के पास देखने को मिला। भनवापुर गांव के पास लकडी ठेकेदार ने वन विभाग की मिलीभगत से सेमल के करीब पच्चीस पेड काट लिये थे लेकिन विपक्षी ठेकेदार की शिकायत पर वन विभाग ने ठेकेदार को लकड़ी उठाने से रोक दिया। ठेकेदार ने वन विभाग के अफसरों की काफी गणेश परिक्रमा की। लेकिन अफसरों ने ठेकेदार की एक नहीं सुनी । आखिर में ठेकेदार ने वन विभाग के अफसरों को पचास हजार रुपये का चढ़ावा चढ़ाया। तब जाकर ठेकेदार अपनी लकड़ी उठा पाया । यह मामले तो सिर्फ बानगी भर है। जबकि वन विभाग के अफसर व कर्मचारी प्रत्येक दिन यही खेल खेल रहे हैं । अगर ऐसे ही चलता रहा तो वह दिन दूर नही जब वन विभाग के अफसर व कर्मचारी खीरी जिले की हरियाली को पूरी तरह से निगल जायेगे।
जब सइयां भये कोतवाल तो डर काहे का
इस कहावत को सत्यार्थ करने में कस्बा इंचार्ज कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वैसे तो अपने कारनामों को लेकर कस्बा इंचार्ज इन दिनों अखबारों की सुर्खियों में बने हुए हैं कुछ लोग तारीफ करते नहीं थकते पर आये दिन सुर्खियों में रहने वाले सिंघम साहब अपने कर्तव्यों के प्रति कितना उदासीन हैं इसकी बानगी ये तस्वीर बयां कर रही है।आखिर तस्वीरें खुद बा खुद सूरते हाल बयां कर देती हैं ये तस्वीर है थाने के दूसरे गेट की है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि एक ठेलिया में शीशम की लकड़ी के बोटे लदे हुए हैं जो दिन के उजाले में खुलेआम बड़ी आसानी से थाने के दूसरे गेट से गुजर रही हैं ऐसे में प्रत्यक्ष दर्शियों द्वारा ये कयास लगाया जाना जाहिर सी बात है कि ठेलिया में लदी शीशम की लकड़ी के बोटों को पुलिस द्वारा पकड़ा गया हो या पकड़ के छोड़ा गया हो।तस्वीर को देखने से मालूम होता है कि पूरा मामला सिंगाही थाने का है जिसमें थाने के दूसरे गेट से एक ठेलिया वाला ठेलिया में लदे बेशकीमती शीशम की लकड़ी के बोटों को बड़ी आसानी से बेखौफ होकर गुजर रहा है प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा ये अनुमान लगाया गया कि हो सकता हो स्थानीय पुलिस ने ठेलिया में जा रही लकड़ी को पकड़ा हो या कागजात दुरुस्त पाये जाने पर पकड़ कर छोड़ दिया हो इस बात की तहकीकात करने के लिये जब कस्बा इंचार्ज से जानकारी ली गयी तो उनसे इस बाबत में कोई सन्तुष्टि जनक उत्तर नहीं मिला अब ऐसे में स्थानीय कस्बा इंचार्ज पर सन्देह का दायरा और अधिक बढ़ जाता है कि यह लड़की आयी तो आखिर कहां से आयी और किसकी थी कहीं पुलिस ने नियमों को दरकिनार कर निजी फायदे के लिये बगैर कोई परमिट अवैध कटान करवा दिया हो मामले में जब डीएफओ नार्थ खीरी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि ऐसा कोई भी प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है और न ही उनके विभाग से सम्बंधित तिथि में कोई परमिट जारी हुआ है। अगर ऐसा हुआ है तो जांच करवाकर उचित कार्यवाही की जायेगी। वहीं इस बाबत में जब एस ओ सिंगाही अजय रॉय से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में ही नहीं है पुलिस के द्वारा इस तरह से नियमों की अनदेखी में पेड़ कटवाया जाना और शीशम की लकड़ी के बोटों को खुलेआम ठेलिया में लदवा कर थाने के गेट से कस्बे की तरफ रवाना करना कस्बावासियों के गले से नहीं उतर रहा है मिली जानकारी के अनुसार मामले को लेकर जल्द ही कस्बावासी पुलिस अधीक्षक व वन विभाग के उच्चाधिकारियों से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की मांग करेंगे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.