संदीप शुक्ला, भिंड, NIT; भिंड पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार कुशवाहा एवं एडिशनल एसपी अमृतलाल मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को बताया कि अटेर थाना क्षेत्र में 29 नवंबर को ग्राम मौजा तालपुरा के जंगल में एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था। इसी बीच में डिडोना गांव के पास एक स्विफ्ट डिजार गाड़ी बरामद हुई थी, जिसमें मौजूद पीछे के कांच पर एक स्टीकर लगा हुआ था, जिस पर एक मोबाइल नंबर लिखा था, जिस पर फोन लगाने पर पता चला कि यह गाड़ी धर्मेंद्र कुमार द्विवेदी निवासी कानपुर की है। गाड़ी को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया और फिर गाड़ी के मालिक का पता किया। इसी बीच धर्मेंद्र के भाई जितेंद्र द्विवेदी से फ़ोन पर पूछताछ की तब धर्मेंद्र ने बताया कि उसका भाई 28 नवंबर को गाड़ी लेकर चौरंगाहार थाना बाह आगरा उत्तर प्रदेश में शादी समारोह में गया है। पुलिस ने जितेंद्र को अटेर क्षेत्र के शव के बारे में बताया तब जितेंद्र ने फोटो देखकर अपने भाई के होने की संभावना व्यक्त की। उसके बाद पुलिस ने 3 दिसंबर को अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया और जांच प्रारंभ की। मृतक के परिजनों के बयान के आधार पर पवन मिश्रा एवं उसकी बहन ललिता मिश्रा पर संदेह व्यक्त किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा के मार्गदर्शन में एसडीओपी अटेर दिनेश वैस ने दो अलग अलग टीम बनाकर कानपुर चौरंगाहार भेजा और कानपुर से पवन कुमार उसकी बहन ललिता मिश्रा को हिरासत में लेकर भिंड में पूछताछ की गई, जिससे पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। पुलिस जांच में मिली जानकारी के मुताबिक मृतक धर्मेंद्र द्विवेदी के पत्नी की दो महीने पहले मृत्यु हो गई थी, तभी से वह ललिता मिश्रा से शादी करना चाहता था जो अपने पति से अलग रहती थी, किंतु ललिता मिश्रा को यह रिश्ता मंजूर नही था। धर्मेंद्र द्विवेदी द्वारा बनाए गए दवाब से परेशान होकर उसने अपने भाई पवन मिश्रा एवं मामा के रिश्तेदार राकेश कटारे तथा सर्वेश कटारे के साथ मिलकर धर्मेंद्र की हत्या करने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक ललिता मिश्रा ने 28 नवंबर को धर्मेंद्र कुमार द्विवेदी को अपने मामा के निवास चौरंगाहार में शादी में शामिल होने तथा वहीं पर खुद से शादी करने का लालच देकर बुलाया था, जिस पर धर्मेंद्र अपने घर से अपनी पत्नी के समस्त जेवर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर सहित छह कारतूस और अपनी गाड़ी स्विफ्ट डिजायर UP78 CD 4675 लेकर आया था, ललिता की बनाई योजना अनुसार पवन मिश्रा, ललिता मिश्रा और राकेश कटारे उसे उदी मोड़ पर मिले, इसके बाद यह चारों गाड़ी में बैठ कर मृतक धर्मेंद्र द्विवेदी को कनेरा के हार में लेएगए, वहीं रास्ते में मौका पाकर धर्मेंद्र द्विवेदी का गला दबाकर हत्यारकरने की कोशिश की लेकिन फिर भी धर्मेंद्र की सांस चल रही थी तो उसे गाड़ी से नीचे उतारकर उसके गाल पर कट्टे से गोली मारकर हत्या कर दी और शव को जंगल में फेंक दिया तथा स्विफ्ट गाड़ी को डिडोना के पास छोड़ दिया। मृतक की रिवाल्वर और छह कारतूस और जेवरात आरोपियों के कब्जे से जप्त किए गए हैं। इस मामले में एक आरोपी सर्वेश कटारे अभी भी फरार है।
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