ओवैस सिद्दीकी, ब्यूरो चीफ, अकोला (महाराष्ट्र), NIT:
एक नाबालिग लड़की को भगाने की शिकायत पर पुराना शहर पुलिस ने अपराध दर्ज कर दोषारोप पत्र न्यायालय में पेश किया था। उक्त अभियोग की सुनवाई प्रथम श्रेणी जिला व सत्र न्यायाधीश एम आय आरलैंड के न्यायालय में हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के पश्चात न्यायाधीश ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया।
पुराना शहर पुलिस थाने में 1 अक्टूबर 2014 को एक विवाहिता ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि उनकी नाबालिग ननद को सूरज उर्फ सुरेश रतनलाल अग्रवाल ने जबरन घर में घुसकर उसे घसीटते हुए घर से बाहर ले गया तथा दुपहिया वाहन से फरार हो गया । विवाहिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 366 ए, 363, 451 के तहत अपराध दर्ज किया। पुलिस ने जांच करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। उक्त मामले की जांच सहायक पुलिस निरीक्षक एस एस पालांडे, एस डी पवार ने कर दोषारोप पत्र न्यायालय में पेश किया। सरकारी पक्ष ने न्यायालय में 8 गवाहों के बयान दर्ज कराए। दोनों पक्षों की जिरह तथा सबूतों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए रिहा करने के आदेश दिए।अधिवक्ता सुमित महेश बजाज, रफीक ख्वाजा वाले ने आरोपियों की ओर से पैरवी की।
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