मेहलक़ा अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
हज़रत मौलाना अब्दुल रशीद अशरफ़ी फ़ाउंडेशन बुरहानपुर के तत्वावधान में 8 अप्रैल सोमवार को बाद नमाज़ ईशा बहार ए अशरफ़ी कम्पाउंड लोहार मंडी गेट के बाहर एक आल इंडिया नआतिया व मनक़ेबती मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें शायरे इस्लाम आल ए रसूल सैय्यद मोहम्मद अश़रफ़ कलीम उल जीलानी, शायरे इस्लाम सैयद जमाल अशरफ़, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर अफ़ज़ल मंगलूरी (रूड़की ) सरवर कमाल झांसी, अय्यूब आसिम बड़नगर के अतिरिक्त स्थानीय शायरों में लतीफ़ शाहिद, जमील असग़र, नईम राशिद, डाक्टर जलील बुरहानपूरी, हारून अयाज़ क़ादरी, शऊर आश्ना, रेहमान साक़िब, ऐजाज़ उम्मीदी,, ज़हीर अनवर ज़हीर,, खुर्शीद फ़ारूक़ी,, ताहिर नक़्क़ाश और नादिम अशरफ़ी ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन डाक्टर जलील बुरहानपूरी ने किया। एक दिवसीय उर्स अशरफ़ी रशीदे तरीक़त कार्यक्रम के मुख्य संचालन कर्ता और चीफ़ शहर क़ाज़ी हज़रत अल्लामा इरफ़ान एहमद अशरफ़ी ने बताया कि पीर ए तरीक़त अब्दुल रशीद अशरफ़ी अलेहिर रेहमहू पर और उनकी शान में बुरहानपुर और संपूर्ण भारत के 50 से अधिक शायरों ने मनक़ेबत लिपिबद्ध की है जिसे पुस्तक का रूप देकर ” यादे जावेदां ” के नाम से प्रकाशित किया है, जिसका विमोचन कार्यक्रम आगंतुक अतिथियों और भारत प्रसिद्ध शायर अफ़ज़ल मंगलूरी की उपस्थिति में एक गरिमामय कार्यक्रम में सम्पन्न हुआ। यादे जावेदां में बुरहानपुर सहित बुरहानपुर के बाहर के जिन शायरों ने अपनी रचनाऐं मौलाना अब्दुल रशीद अशरफ़ी फाउंडेशन को प्रकाशनार्थ पेश किया है। क़ाज़ी ए शरीअत देवास इरफ़ान ऐहमद अशरफ़ी, हाफ़िज़ व क़ारी मोहम्मद नौमान ऐहमद अशरफ़ी (भाइ हुज़ूर) और क़ारी मोहम्मद हुसैन ऐहमद अशरफ़ी ने आयोजन कर्ता अब्दुल रशीद फाउंडेशन की ओर से सभी महानुभवों का हार्दिक आभार व्यक्त किया है और आशा व्यक्त की है कि आइंदा भी सभी का सहयोग प्राप्त होता रहेगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में डाक्टर जलील बुरहानपूरी, नईम राशिद ने प्रत्यक्ष रूप से और ईक़बाल अंसारी ने अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देकर कामयाब बनाया है।
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