पीयूष मिश्रा/अश्वनी मिश्रा, भोपाल/नई दिल्ली, NIT:
देश के प्रधानमंत्री लोकसभा चुनाव को लेकर मैं भी चौकीदार जैसे जुमले को लेकर चुनाव अभियान का शंखनाद कर चुके हैं वहीं मध्य प्रदेश के मंडला लोक सभा के सांसद और वर्तमान में इस सीट से भाजपा प्रत्याशी और अपने आप को चौकीदार कहने वाले फग्गन सिंह कुलस्ते एक निजी टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में लोकसभा चुनाव में करोड़ों रुपयों के काले धन का इस्तेमाल और संसद में प्रश्न पूछे जाने के लिए भी रुपए लेने की बात कबूल रहे हैं।
एक निजी समाचार चैनल ने दावा किया है कि इस स्टिंग ऑपरेशन में मध्य प्रदेश के मंडला से भाजपा सांसद और पूर्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते कैद हुए हैं।
करोड़ों की ब्लैक मनी उड़ा दी शराब मेंं
मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते का दावा है कि पिछले आम चुनाव में यानी 2014 में इन्होंने 12 करोड़ रुपये खर्च किए। सिर्फ रैलियों पर 2 करोड़ से ज्यादा उड़ा दिए। चुनाव प्रचार के लिए गाड़ियों में, विरोधियों के वोट काटने के लिए उम्मीदवार खड़े करने में, मतदाताओं में शराब बांटने में करोड़ों की ब्लैकमनी उड़ा दी।
जबलपुर से नागपुर तक चलता है हवाला कारोबार
कुलस्ते कैमरे पर कहते हैं कि करोड़ों की मोटी रकम सिर्फ उनके बंगले पर ही डिलिवर कराई जाए. इसके साथ ही वह यह बात भी कबूल करते हैं कि नागपुर से जबलपुर तक उनका हवाला रैकेट चलता है. 2014 के चुनाव में उन्होंने 12 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद इस बार 15 करोड़ खर्च करने की तैयारी पूरी है।
संसद के अंदर लहराई थी नोटों की गड्डियां
इससे पहले 1999 में वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री रहने के दौरान वोट फॉर नोट कांड में भी उनका नाम आया था। संसद के अंदर उन्होंने भी नोट की गड्डियां लहराई थीं।
सांसद निधि में कमीशन
इसके बाद 2005 में सांसद निधि के बदले कमीशन लेते हुए एक न्यूज़ चैनल ने कुलस्तेमंडला लोक सभा के चौकीदार फग्गन सिंह स्टिंग ऑपरेशन में फसे का स्टिंग ऑपरेशन किया था. उसके बाद उन्होंने 22 जुलाई 2008 को यूपीए सरकार के विश्वासमत के दौरान लोकसभा में नोटों के बंडल लहराए थे. उन्होंने यूपीए पर बहुमत के लिए ख़रीद-फ़रोख़्त का आरोप लगाया. इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
मेडिकल कॉलेज रिश्वत कांड में मंत्री पद छिना
इसके बाद 2017 में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को लेकर रिश्वत से जुड़े मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय को उनके ख़िलाफ़ शिकायत मिली. सितंबर 2017 में पीएम मोदी ने कुलस्ते को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री पद से हटा दिया था।
फग्गन सिंह कुलस्ते का दावा है कि वो कम से कम 10 करोड़ ख़र्च करके आराम से चुनाव लड़ते हैं, जबकि चुनाव आयोग ने ख़र्च की अधिकतम सीमा 70 लाख रुपये तय की है. मतलब ये कि पिछले लोकसभा चुनाव में कुलस्ते ने तय सीमा से 14-15 गुना ज्यादा खर्च किया।
डमी कैंडिडेट खड़े करवाते हैं और देते हैं लाखों
बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने दावा किया कि वो ख़ुद ही डमी कैंडिडेट्स खड़े करवाते हैं. उन्हें लाखों रुपये ब्लैकमनी देते हैं, ताकि वो चुनाव में उनकी मदद कर सकें।
चुनाव में करते हैं काले धन का इस्तेमाल
फग्गन सिंह कुलस्ते ने इस स्टिंग ऑपरेशन में यह ख़ुलासा भी किया कि चुनाव के लिए बीजेपी हेडक्वार्टर से उन्हें जो फंड मिलता है, वो आयोग की तय सीमा से ज़्यादा है और वो भी कैश।
फग्गन सिंह कुलस्ते के मुताबिक वो चुनाव में खुलकर कालेधन का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन संसद में सवालों के बदले भी काला धन मिल जाए, तो उसके लिए भी वो तैयार हैं।
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