रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
हजरत इमाम जाफर सादिक रहमतुल्लाअलेह की याद में इस्लामी तारीख के 22 रजब को मुस्लिम समाज ने कुंडों का त्यौहार बड़ी सादगी के साथ मनाया। सुबह से ही मुस्लिम परिवारों ने अपने घरों में खीर-पूडी, गुलाब जामुन आदि मिठाई बनाकर उसे मिट्टी के बर्तनों में सजा कर फातेहा दी। इस दौरान मुस्लिम समाज ने देश में अमन चैन व शांती के लिए दुआ भी की। समाज के बच्चाें बड़ों व महिलाओं ने एक दुसरे के घरों में जाकर खिर-पुडी व अन्य स्वादिष्ट मिठाइयों का लुत्फ उठाते नजर आए।
बताया जाता है कि अरबी माह रज्जब की 22 तारीख को हजरत इमाज जाफर सादिक रहमतुल्लाह अलैह को गौसियत का दर्जा प्राप्त हुआ था। तब से मुस्लिम समाज द्वारा हर साल इस तारीख को कुंडे मिट्टी के बर्तन में खीर, पूड़ी व अन्य पकवान रखकर फातेहा दिलाई जाती है। फातेहा में कुरान की आयतें पढ़ी जाती हैं और सभी पैगंबर, सहाबी तथा बुजुर्गों को सवाब पहुंचाया जाता है। वहीं अल्लाह से खैर-ओ-बरकत की दुआ की जाती है। इस दिन लोग एक-दूसरे कर घर जाकर दावत कबूल करने के साथ ही मिट्टी के बर्तन में खाना खाकर हजरत मोहम्मद साहब की सुन्नत अदा करते हैं।
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