रहीम शेरानी/मुकेश वसुनिया, झाबुआ (मप्र), NIT:
राणापुर, मेघनगर, नानपुर आदि जगहों पर आदिवासी लाेक संस्कृति का उत्सव भगोरिया बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया। भगोरिया पर्व के तीसरे दिन राणापुर, मेघनगर, नानपुर, बामनिया, झकनावदा में हजाराें की तादात में जमा हाेकर लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया।
भगाेरिया हाट लगा
नगर के भगाेरिया में शामिल हाेने के लिए बन, भुरी माटी, छागाेला, चुई, दाेतड़, कंजावानी, समाेई, कुंदनपुर माेरडून्डिया, अंढ़ारवड़, मातासुला, वगई बड़ी, टांड़ी, उबेराव, सेमलखेड़ी, सनाेड़, रुपाखेड़ा, पुवाला, पाडलवा, माडंलीनाथु, लम्बेला, कालापान, जुनागांव, झाझंरवा, ढ़ाेल्यावाड़, भुतखेड़ी, भाेड़ली सहित 96 गांव के ग्रामीण क्षेत्र के हजाराें लाेंग भगाेरिया हाट पहुंचे। ग्रामीण क्षेत्राें से आए आदिवासी समाज के युवक-युवतियाें एवं महिलाओं बच्चों द्वारा भगोरिया पर्व में उत्साह के साथ शामिल हुए। रानापुर के गुजरी मैदान व मेघनगर के दशहरा मेदान पर बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लाेगो के साथ सामान्य वर्ग के लोग भी इकट्टा हुए। इनके द्वारा मांदल की थाप पर जमकर नृत्य किया। पारंपारिक सौंदर्य से लबरेज आदिवासी युवतियाें का झुंड प्रमुख मार्गों से गुजरा तो हर किसी ने उनके सौंदर्य काे जी भरकर निहारा। युवतियां व महिलाएं शृंगारित परिधान, चांदी के आकर्षण गहनाें से सुजज्जित हाेकर जब हाट स्थल पर में प्रवेश करना शुरू किया तो हर खास व आम उनके शृंगार काे देखता ही रह गया। आदिवासी युवतियां पारंपरिक पहनावे के साथ अपने ड्रेस कोड में एक जैसी नजर आ रही थी। पारंपरिक चांदी के गहने पहनकर और काजल-लाली का श्रृंगार कर मेले में पहुंची महिलाएं-युवतियां आकर्षण केंद्र रही। संजी-धजी युवतियां युवकाें काे देख मुंह घूंघट की आेट में छुपाती रही। वही कुछ युवतियाें के समूह भीड़ में धक्का-मुक्की से बचने के लिए दुकानाें व एक जगह बैठे आते-जाते समूहाें की हुड़दंग आैर भगाेरिया की मस्ती काे देखती रही। हाट में युवक-युवतियां पारंपरिक वेशभूषा के बीच कई युवा जींस टी-शर्ट में ताे युवतियां सलवार सूट ताे कुछ युवतिया जींस टॉप में नजर आए। सजी-धजी युवतियाें ने फाेटाे भी खिंचवाए। ताे कुछ ने सेल्फी भी ली। युवतियां की फाेटाे स्टूडियो पर भी फोटो खिंचवाने के लिए भीड़ उमड़ी। युवक-युवतियाें ने एक दूसरे काे पान खिलाया। मान्यता है कि भगोरिया पर्व पर युवक द्वारा खिलाए गए पान की युवती स्वीकार कर ले तो माना जाता है। युवती-युवक का हमसफर बनने तैयार है। कुछ युवक-युवतियाे ने हाथों पर नाम लिखवाए। ताे कुछ ने टेंटू बनवाए। ताे किसी ने पति का नाम गुदवाया ताे किसी ने प्रेमिका का। वहीं कुछ मेहंदी के रेडीमेड़ छापाें से हाथ मंडवा रही थी। इसके साथ ही चूड़ी, कंगन आदि की खरीदी की। हाट बाजार में हाेटलाें पर खानपान के साथ, शरबत, गन्ने का जूस, बर्फ का गोला, आइसक्रीम, जलेबी, पान की दुकानाें पर अधिक भीड़ देखी गई। वही बच्चों की भीड़ खिलौनाें की दुकान पर देखी गई। छाेटी-बड़ी सभी दुकानाें पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ने से व्यापारियाें के चेहरे खिले नजर आए। इन दिनों अंचल में एंड्रायड मोबाइल की पहुंच आदिवासी युवाआें में भी हाे गई हैं। इसके चलते भगाेरिया के फाेटाे आैर वीड़ीयाे साेशल मीडिया पर जमकर वायरल हाेते है। आदिवासी युवक-युवतियों ने जमकर मेले का आनंद लिया। भगोरिया का आनंद लेने के लिए विभिन्न क्षेत्राें से आदिवासी वर्ग का विशेष आकर्षण का केंद्र झुले-चकरियां रहा। जिसमें बैठ कर युवक- युवतियाें के साथ ही बच्चाें ने भी खूब आनंद लिया।
झूले-चकरियाें पर भीड़ कम हाेने का नाम ही नही ले रही थी, जैसे-जैसे भगाेरिया परवान चढ़ता गया वैसे-वैसे आयाेजन स्थल पर भीड़ उमड़ती रही सभी अपनी मस्ती में मस्त नजर आ रहे थे। दाेपहर के समय हाट स्थल खचाखच भरा हुआ था, कि ग्रामीणों को एक जगह से दुसरी जगह तक पहुंचने में मशक्कत करना पड़ी। जिधर देखाे उधर सिर्फ भीड़ थी तथा भीड़ में कुुर्राटी की गूंज भगाेरिया की मस्ती काे बता रही थी। इस बीच बाजार की व्यवस्था काे लेकर प्रशासन ने चूने की लाइन डालकर सभी दुकानें लाइन के अंदर ही लगवाई। ताकि यातायात व्यवस्था न बिगड़। नगर परिषद ने पेयजल की व्यवस्था की थी। आसपास के ग्रामीण जहां पैदल ही पहुंचे, वही दुरदराज के ग्रामीण जीपाे, बसाें, ट्रैक्टर आदि में सवार होकर पहुंचे। ढोल मांदल बजाने वाले समूह ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। आदिवासी ढाेल-मांदल की थाप पक ढलती शाम तक जमकर थिरकते हुए शाम काे घराें की आैर चल दिए। हाट में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने सहभागिता कर भगोरिया व होली की बधाई दी। भगाेरिया पर लोकसभा चुनाव आचार संहिता का विशेष प्रभाव रहा। शांतिपूर्ण संपन्न हुआ भगोरिया पर्व।
चाक-चाैबंद रही पुलिस व्यवस्था
लाेकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लग जाने के कारण पुलिस प्रशासन मुस्तैद नजर आया। थाना प्रभारी कैलाश चौहान पूरे समय सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। पुलिस प्रशासन की आैर से शांति बनाए रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। मेला स्थलाें पर पुलिस जवान मुस्तैदी से डटे हुए थे। पुलिस के जवान के अलावा महिला पुलिस, काेटवार पुलिस मौजूद थे। शाम ढलते-ढलते हजारों आदिवासी पर्व की मस्ती लूटने के बाद अपने-अपने ग्रामों की ओर रवाना हो गए।
प्रशासन ने किया मतदाता जागरूकता का प्रचार
वहीं आगामी लाेकसभा चुनाव काे लेकर मतदाता जागरूकता के लिए स्वीप गतिविधियाें का भी संचालन किया गया जिसके तहत अधिकारियाें ने हाट बाजार में आए आदिवासियाें काे ईवीएम मशीन से मतदान करने आैर वीवीपैट मशीन के बारे में जानकारी दी। माैके पर उपयंत्री जनपद पंचायत देवेंद्र सिंह ठाकुर, सब इंजीनियर आशीष तिवारी माैजुद रहे।
कल यहां भगोरिया पर्व
17 मार्च रविवार काे जिले के झाबुआ, रायपुरिया, काकनवानी एवं ढाेल्यावड़ में भगोरिया पर्व का उल्लास छाया रहेगा।
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