मेहलक़ा अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) सियासी डफली बजाने और मीडिया में अपना वर्चस्व क़ायम रखने का कोई मौक़ा नहीं छोडती हैं, बस मौका मिलना चाहिए कि वह अपनी बात अपनी शैली में पेश कर देती हैं। 15 अगस्त 2018 को ग्राम मोहद में एक अबोध मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म एवं हत्या करने वाले आरोपी को अदालत विश्व महिला दिवस के अवसर पर फांसी की सज़ा सुनाई थी और दीदी को इस मामले में अपनी बात कहने और सियासत करने का मौक़ा हाथ आ गया। मोहतरमा ने शनिवार को ग्राम मोहद पहुंचकर बालिका के परिजनों से मुलाकात की और ग्रामीणों के साथ गांव में मोमबत्ती जलाकर बालिका को याद किया तथा श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रीमती चिटनिस ने दुष्कर्म के आरोपी को मिली फांसी की सजा पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी चौहान का आभार व्यक्त किया। श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के मुताबिक़ त्वरित न्याय प्रदान करने की कार्यवाही के लिए जहां न्यायपालिका वंदनीय है, वहीं 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों से दुष्कर्म के मामलों में दोष सिद्ध होने पर फांसी की सजा का प्रावधान करने हेतु प्रधानमंत्री मान.नरेन्द्र मोदी को प्रणाम तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में सर्वानुमति से मध्यप्रदेश विधानसभा में पारित किए गए कानून के लिए भी उस सदन को श्रद्धा से नमन के साथ श्रीमती चिटनिस ने कहा कि तत्कालीन बुरहानपुर एसपी पंकज श्रीवास्तव, निरीक्षक गिरवर सिंह की कार्यवाही भी सराहनीय है। चिटनिस ने कहा कि यद्यपि इससे परिवार को हुई पीड़ा और बच्ची पर हुए अत्याचार की भरपाई नहीं हो सकती लेकिन ऐसे कृत्यों को अंजाम देने वाले अपराधियों को फांसी की सजा से अपराधियों में भय पैदा होगा और कानून के भय से ऐसे अपराध रोके जा सकेंगे ताकि फिर कोई बेटी और उसका परिवार इस त्रासदी का शिकार न हो।
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