अबरार अहमद खान, स्टेट ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
लोकसभा निर्वाचन के लिये भारत चुनाव आयोग द्वारा तय किये कार्यक्रम में चार चरण ऐसे हैं जिनके मतदान की तिथि रमजान के दौरान आ रहे हैं, इस दौरान चुनाव को लेकर मुस्लिम समाज पशोपेश की स्थिति में है। समाज के अन्दर से प्रारम्भिक तौर पर प्रतिक्रियाएं उभर रही हैं कि रमजान के चलते मुस्लिम मतदाताओं को मतदान करने में परेशानी होगी। वहीं म.प्र कांग्रेस आईटी सेल के उपाध्यक्ष शाहिद मोदी ने चुनाव आयोग से मुसलमानों की भावना का ख्याल रखने और चुनाव तिथि रमजान माह से पहले या बाद में करने की मांग की है। उनका कहना है कि चुनाव के समय मुस्लिमों का रोजा होगा। इस बात पर चुनाव आयोग को ध्यान देना चाहिए था। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और हम उसका सम्मान करते हैं, लेकिन 7 चरणों में चुनाव बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए मुश्किल होगा। यह उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होगा जिनका उस समय रमजान चल रहा होगा। उन्होंने कहा, इन तीन राज्यों में अल्पसंख्यक आबादी काफी ज्यादा है। वह रोजा रखकर वोट डालेंगे। चुनाव आयोग को इस बात को अपने ध्यान में रखना चाहिए। श्री मोदी ने आरोप लगाया कि भाजपा तो यही चाहती है कि अल्पसंख्यक अपना वोट न डालें। हम इससे चिंतित नहीं हैं, लेकिन चुनाव आयोग को इस प्रकार के आरोप से बचना चाहिये कि वह भाजपा के हाथों की कठपुतली बनकर कार्य कर रहा है। लोग भाजपा हटाओ-देश बचाओ को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
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