स्पेशल रिपोर्ट :
अश्वनी मिश्रा, सिवनी/छपारा (मप्र ), NIT:
जनपद पंचायत छपारा क्षेत्र में सूखे नालों और तालाबों पर करोड़ों रुपए की लागत से चल रहे स्टॉप डेम घाट निर्माण और पुलिया निर्माण में मनमाने तरीके से कार्य करने का आरोप लगाए जाने का मामला सामने आ रहा है इसी बीच 2 मार्च को सिवनी जिले के प्रभारी मंत्री सामूहिक विवाह में सिवनी पहुंच रहे हैं। ऐसे में क्या वे उक्त निर्माण कार्यों में जारी भ्रष्टाचार के मामले में जांच करवा पायेंगे यह लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि छपारा जनपद पंचायत क्षेत्र की आने वाली 54 पंचायतों में मैटेरियल सप्लायर्स बनाम ठेकेदारों और ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव सहित आर ई एस विभाग के तकनीकी अमले के साथ मिलीभगत कर सूखे नालों और तालाबों पर स्टॉप डेम सहित घाट निर्माण और पुलिया निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सांसद निधि, जनभागीदारी निधि और विधायक निधि सहित 14वें वित्त की राशि से गड़बड़ घोटाले को योजना मंडल की सहमति से अंजाम दिये का आरोप लगाया जा रहा है। यहां यह बताना जरूरी है कि जिन जगहों पर उक्त निर्माण कराया जा रहा है वहां कई जगह तो ऐसी हैं जहां पर ऐसे निर्माण का कोई सीधा लाभ क्या क्षेत्र की आम जनता को मिल पाएगा यह सवाल भी अपने आप में एक उच्च स्तरीय जांच की ओर इशारा करता है।
छपारा पंचायत में बह रही है भ्रष्टाचार की गंगा
प्रदेश की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत का दर्जा प्राप्त छपारा पंचायत में भी भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है और पिछले समय में पंचायत के द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की जांच भी हो चुकी है जिस पर जांच कमेटी ने सरपंच सचिव को दोषी पाते हुए उन्हें निलंबन की कार्यवाही प्रस्तावित कर जिला पंचायत की ओर भेज दिया था जहां से उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था। लेकिन उसके बाद सरपंच ने कमिश्नर कार्यालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था और आज भी वे पंचायत में सिर्फ और सिर्फ रोड निर्माण कार्यों की तरफ ज्यादा ध्यान दे रही हैं। जबकि छपारा नगर में पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा के लिए आमजन परेशान हो रहा है और वर्तमान में तो नगर में सप्ताह में एक या दो बार ही पीने के लिए पानी नसीब हो पा रहा है।
सफेद हाथी बनी 2 करोड़ 75 लाख की इंटकवेल योजना
छपारा नगर के लिए लगभग 9 वर्ष पूर्व एक इंटरवेल योजना स्वीकृत की गई थी लेकिन आज उक्त योजना का हाल सफेद हाथी की तरह ही है और इस योजना में 2 करोड़ 75 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी आज वर्तमान समय में उक्त योजना आधे अधूरे हाल में ही पड़ी हुई है। ज्ञात हो कि इस इंटकवेल योजना से पिछले वर्ष की गर्मियों में भी छपारा नगर की आम जनता को पानी नसीब नहीं हो पाया था। दरअसल उक्त योजना के स्थल चयन और निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार के चलते अब यह इंटक वेल योजना सिर्फ सफेद हाथी जैसी साबित हो रही है। छपारा पंचायत में एक अजीबोगरीब भ्रष्टाचार का नया मामला प्रकाश में आया है, दरअसल इन दिनों वैनगंगा तक के रेस्ट हाउस गेट से लगे बैल बाजार का एक मकान को दिनदहाड़े नेस्तनाबूद कर गायब करा दिया गया है और उस स्थान पर छपारा पंचायत की मिलीभगत से एक दबंग व्यक्ति के द्वारा अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए इसी स्थल पर एक नव निर्माण की तैयारी भी पूर्ण करा ली गई है। अब जबकि प्रदेश के पीएचई मंत्री और सिवनी जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पासे 2 मार्च दिन शनिवार को सामूहिक विवाह सिवनी में पहुंच रहे हैं, ऐसे में क्या वे छपारा जनपद पंचायत क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों और छपारा पंचायत में भारी भ्रष्टाचार के मामले में क्या कार्यवाही करा पाते हैं यह देखने वाली बात होगी।
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