फ़िरोज़ खान, बारां(राजस्थान), NIT; भारतीय किसान संघ जिला बारां के पदाधिकारियों को राजस्थान के जल संसाधन मंत्री एवं प्रमुख शासन सचिव द्वारा चंबल की मुख्य नहर, सहायक ब्रांचों एवं वितरिकाओं के बारे में गलत जानकारी देकर गुमराह किया गया है। पूर्व मंत्री प्रमोद भाया ने जारी वक्तव्य में बताया कि चंबल की मुख्य नहर एवं सहायक ब्रांचों तथा वितरिकाओं की मरम्मत, नवीनीकरण एवं जीर्णोद्वार के लिए कांग्रेस शासन के दौरान वर्ष 2011-12 में 1274 करोड़ की राशि तत्कालीन कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत द्वारा स्वीकृत कर कार्य प्रांरभ कराया था, परंतु इसमें से कांग्रेस शासन के दौरान 110 करोड़ रूपए के कार्य ही हो सके। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी शासन ने सत्ता संभालते ही चंबल की नहरों के जीर्णोद्वार कार्यो को बंद करवा दिया, जिसके कारण पिछले तीन वर्ष के दौरान की प्रगति शून्य रही है।पूर्व मंत्री भाया ने बताया कि राजनैतिक द्वेषतावश भाजपा सरकार ने चंबल की नहरों के जीर्णाेद्वार कार्य बंद करवाए एवं बारां, कोटा तथा बूंदी जिले के भाजपा मंत्री एवं विधायक किसी ने आवाज नही उठाई जिसका दुष्परिणाम है कि किसानों को पानी सुगमता से नहीं पहुंच रहा है। रोटेशन में अर्थात् नोटों की तरह राशनिंग प्रणाली से किसानों को पानी दिया जा रहा है। भाजपा शासन ने कांग्रेस शासन में मुख्य नहरों एवं वितरिकाओं के जीर्णोद्वार के जो टेण्डर जारी किए गए उन्हें जल संसाधन मंत्री स्तर से स्वीकृति प्राप्त नही हुई जिसके कारण संवेदकों का विश्वास भी भाजपा सरकार से हटा एवं उनकी निर्माण कार्य में किसी प्रकार की दिलचस्पी नहीं रही।
पूर्व मंत्री भाया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन के दौरान स्वीकृत 1274 करोड़ रूपए में से लगभग 1000 करोड़ रूपए का उपयोग भी भाजपा सरकार ने अन्य मदों में कर लिया, जिसके लिए वह किसानों की गुनाहगार है एवं क्षेत्र के किसान इसे कभी माफ नहीं करेंगे। उन्होनें राजस्थान की मुख्यमंत्री से मांग की कि कांग्रेस शासन में चंबल क्षेत्र के किसानों के हित में स्वीकृत 1274 करोड रूपए की राशि के शेष निर्माण कार्यो के लिए निविदा जारी कर जीर्णोद्वार कार्य शीघ्र पूर्ण करावें।
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