अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
मेरे परीवार से कोई लोकसभा चुनाव नही लड़ेगा कि बात कहते हुये राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट ने अपनी मां रमा पायलट के अजमेर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगाते हुये एक तरह से परिवारवाद से उम्मीदवार ना बनाकर आम कार्यकर्ताओं को मौके देने की पैरवी करके आज 6 फरवरी को उम्मीदवार के चयन को लेकर जयपुर में होने वाली राजस्थान चुनाव समिति की बैठक के ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित अनेक नेताओं के सामने संकट खड़ा कर दिया है।
हालांकि राजनीतिक सूत्रों के नुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पूत्र वैभव गहलोत की राजनीतिक लांचिंग के लिये अब सबसे अनूकूल अवसर मानकर लोकसभा चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य सीट टोंक-सवाईमाधोपुर से लोकसभा चुनाव लड़वाना मानकर उम्मीदवार बनाने पर तूले हुये हैं जबकि मुख्यमंत्री गहलोत के अलावा कांग्रेस के अनेक नेता भी अपने पूत्र-पूत्री, पत्नी व पूत्रवधुओं के लिये टिकट की जोड़तोड़ में लगे हुये हैं। जिनमे मुख्यमंत्री गहलोत के अलावा मंत्री परशादीलाल मीणा अपने पूत्र कमल मीणा के लिये दौसा से, मंत्री प्रमोद भाया जैन अपनी पत्नी उर्मिला जैन के लिये झालावाड-बारां से, मंत्री शांति धारीवाल अपनी पूत्रवधु एकता धारीवाल के कोटा-बूंदी से, मंत्री भंवरलाल मेघवाल अपनी पूत्री बनारसी मेघवाल के लिये बीकानेर व श्रीगंगानगर से, पूर्व मंत्री व विधायक भवरलाल शर्मा अपने पूत्र अनील शर्मा के लिये चूरु से, विधायक विजेंदर ओला अपनी पत्नी राजबाला के लिये चूरु से, पूर्व सांसद बद्री जाखड़ अपनी पूत्री मून्नी देवी के लिये पाली से, पूर्व मंत्री व विधायक परशराम मोरदिया अपने पूत्र राकेश मोरदिया के लिए बीकानेर से, विधायक दीपेन्द्र सिंह शेखावत अपने पूत्र बालेन्दु के लिये जालोर-सिरोही से, पूर्व मंत्री कनकमल कटारा अपने पूत्र विवेक कटारा के लिये उदयपुर से, विधायक मुरारी मीणा अपनी पत्नी सविता मीणा के लिये दौसा से, विधायक राजकुमार शर्मा अपने भाई राजपाल के लिये जयपुर से, मुख्य सचेतक महेश जोशी अपने पूत्र रोहित जौशी के लिये जयपुर ग्रामीण व जयपुर शहर से, पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा अपने पूत्र राघवेंद्र मिर्धा के लिये नागौर से, पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की पत्नी व विधायक दिव्या मदेरणा की मां लीला मदेरणा स्वयं जोधपुर से, पूर्व मंत्री नाथूराम मिर्धा की पूत्री ज्योती मिर्धा स्वयं नागौर से टिकट चाह रहे है।
राजस्थान में दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के द्वारा परीवारवाद को बढावा देने के लिये अपने परीवारजनो के लिये लोकसभा की टिकट चाहने वालो की एक लम्बी सूची कायम है। लेकिन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के ताजा ब्यान से कि वो परीवारवाद पर नही चलते हुये आम कार्यकर्ता को लोकसभा टिकट मीलने की वकालत करने की कहने के बाद आज जयपुर मे होने वाली चुनाव समिति के बैठक से पहले अनेक नेताओं के सामने एक नया संकट खड़ा कर दिया है।
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