रहीम शेरानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
राजस्थान मध्य अलवर जिले की रामगढ विधानसभा क्षेत्र से बसपा उम्मीदवार लक्ष्मणसिंह की मृत्यु के बाद सात दिसंबर से स्थगित होकर 28 जनवरी को हुए उप चुनाव के मतदान होने के बाद आये परिणाम में रामगढ विधानसभा से कांग्रेस की लोकप्रिय उम्मीदवार साफिया खान के विजयी होने से कांग्रेस को बहुमत से एक सीट कम सही, पर सफीया के जीतने से कांग्रैस को संजीवनी बूटी जरुर मिली है। हालाकि सात दिसम्बर को मतदान द्वारा हुये आम विधानसभा चुनाव के परिणाम मे 199 मे से 99 सीट कांग्रेस ने जीत कर अशोक गहलोत के नेतृत्व मे सरकार बनाने के बाद आज सरकार के पास अपनी कांग्रेस पार्टी की दोसो मे से सो सीटों पर कब्जा हो गया है। इसके अतिरिक्त 13 निर्दलीय व 6 बसपा विधायकों का भी कांग्रेस सरकार को समर्थन मिला हुआ है। राजस्थान के रामगढ के चुनाव मे भाजपा उम्मीदवार खुसवंतसिंह के चुनाव प्रचार मे विपक्षी नेता गुलाब चंद कटारिया के अलावा किसी भी भाजपा का बडा नेता चुनावी प्रचार मे नही गया था। लेकिन कांग्रेस के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री सहित अनेक दिग्गज नेता चुनावी प्रचार मे जाकर साफीया खान को जीताने के लिये सभाऐ की एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री भवंर जितेंद्र सिंह ने तो पूरे समय डेरा ही डाल रखा था। आखिरकार परिणाम उम्मीद के मुताबिक सत्ता पक्ष के हक मे आया ओर साफीया खान बाराह हजार से अधिक मतो से चुनाव जीत गई। दूसरी तरफ नजर डाले तो कांग्रेस से कुल सोलह मुस्लिम उम्मीदवारो ने चुनाव लड़ा ओर उनमे से आठ मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव जीत गये। मंत्रीमंडल के अब तक बने पच्चीस सदस्यों की गणना के अनुसार हर चोथा विधायक मंत्री बनने के फार्मूले के अनुसार कुल आठ मुस्लिम विधायकों मे से कम से कम दो मुस्लिम विधायकों को मंत्री बनाने का नैतिक दवाब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अब जाकर पूरी तरह बन आया है 2013 के आम विधानसभा चुनावों मे चूरु क्षेत्र से बसपा उम्मीदवार की मृत्यु के कारण चूरु विधानसभा क्षेत्र की मतदान तिथि के स्थगित होने के बाद 199 विधानसभा सीटो पर एक साथ मतदान होने के बाद आये परिणाम मे बहुमत मिलने पर भाजपा सरकार गठित होने के बाद हुये चूरु चुनाव मे रामगढ चुनाव के परिणाम की तरह तत्तकालीन भाजपा सरकार के पक्ष मे राजेन्द्र राठौड़ की जीत के रुप मे आया था। 2013 के आम विधानसभा चुनाव मे भाजपा को 163 सीटो का भारी बहुमत मिलने पर चूरु की एक सीट का कोई खास महत्व ना होकर संख्या बल मे एक अंक बढना मात्र था। लेकिन अब रामगढ से कांग्रेस उम्मीदवार साफीया खान के जीतने से एक सीट का मोजुदा गहलोत सरकार के लिये बडा महत्व रखता है। कुल मिलाकर यह है कि अलवर जिले की रामगढ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की लोकप्रिय उम्मीदवार साफीया खान की जीत गहलोत सरकार के लिये संजीवनी बूटी की तरह काम आयेगी। पर कांग्रैस मे मुस्लिम विधायकों की तादाद बढकर आठ होने के कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर नैतिक दवाब बन गया है कि संख्या के अनुपात मे कम से कम दो मुस्लिम विधायकों को मंत्री मण्डल मे जगह जरुर दे।
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