फ़िरोज़ खान, बारां(राजस्थान), NIT; बारां जिला के किशनगंज व् शाहाबाद क्षेत्र के सहरिया समुदाय के लोगों के अभी जो नये राशन कार्ड बने हैं, उनको गेंहू व् किट नही मिल रहा है। यह राशन कार्ड एपीएल के है। इन लोगों को 1 वर्ष में मात्र 2 माह के गेंहू मिले हैं। जब भी डीलर के पास जाते हैं तो पोष मशीन शून्य दिखाती है। जबकि इन्होंने आधार भी लिंक करवा दिया है फिर भी खाद्य सुरक्षा का लाभ इनको नहीं मिल रहा है। लोगों ने इस लाभ को लेने के लिए अपील भी कर दी है, उसके बाद भी अभी तक इनको गेंहू नहीं मिल रहा है। इस कारण सहरिया समुदाय के नए राशन कार्ड उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। यह वह परिवार हैं जो अपने माँ बाप से अलग होकर अपने परिवार के साथ निवास कर रहे हैं, उन सब लोगों ने जो नये राशन कार्ड बनवाये हैं, वह एपीएल के बने हैं। इस कारण इनको गेंहू नहीं मिल रहा है। जबकि सहरिया समुदाय अन्तोदय योजना में शामिल है। राज्य सरकार इन अन्तोदय परिवारों को निःशुल्क 35 किलो गेंहू, घी, तेल, दाल देती है, मगर सहरिया एपीएल परिवारों को पैकेज भी नहीँ मिल रहा है। दोनों ब्लॉक में ऐसे हजारों परिवार हैं जिनके पास एपीएल राशन कार्ड हैं और इनको 2 माह का गेंहू देकर बन्द कर दिया गया है, इस कारण इन परिवारों के सामने भूखे मरने की नोबत आ गयी है। किशंगज ब्लॉक के गीगचा, गीगची, लकड़ाई, गजरोन, गरडा की सहरिया बस्ती, सुंडा, लष्मीपुरा, बकनपुरा, गोरधनपुरा, परानिया, चंदनहेड़ा, गुवाड़ी, सांधरी, अमरोद, बोरेन, भिलान महोदरी, मड़ी सहजना, पींजना, बिलासगढ़, नाथन महोदरी, नया गांव, रनवासी, देवरी वीरान, हाटरी, देवरी उपरेटी, पिंजनी, कापड़ी खेड़ा, इकलेरा डाँडा, सहित ऐसे कई गांव है जहाँ इनको गेंहू नहीं मिल रहा है। इसको लेकर आये दिन एपीएल उपभोक्ता उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत करा चुके हैं। उसके बाद भी रसद विभाग द्वारा इनका समाधान नही किया जा रहा है। इसको लेकर उपभोक्ताओं व् डीलर के बीच आये दिन कहासुनी होती रहती है। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोगों को मनरेगा में रोजगार भी नही मिल रहा है, इस कारण लोग बेरोजगार बैठे हुए हैं। इसी तरह गरडा ग्राम पंचायत की सहरिया बस्ती की प्रताप बाई व् कंचन बाई ने बताया कि हमें गेंहू भी नही मिल रहा है, जबकि पहले तो मिल रहा था। गेंहू नहीं मिलने की समस्या अधिकांश गाँवों से निकल कर आ रही है। लोगों ने बताया कि डीलर के पास जाते हैं तो वह कहता है कि आपके नाम के आगे शून्य आता है इस कारण आपको गेंहू नहीं मिल सकता। जिन सहरिया समुदाय के लोगों ने नए राशन कार्ड बनवाये हैं, उनको सामग्री नही मिल रही है। इसके अलावा भी अन्य जाति के लोगों को भी खाद्य सुरक्षा का लाभ नहीं मिल रहा है। आये दिन गाँवों से इस तरह की समस्या सामने आ रही है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को भी लगातार अवगत कराया जा रहा है, उसके बाद भी समाधान नही हो रहा है। इस कारण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र किशनगंज व् शाहाबाद के अधिकांश लोगों में त्राहि त्राहि मची हुई है। रसद विभाग में बात करते हैं तो सीडिंग करने या अपील करने की बात कहकर टाल दिया जाता है। जबकि लोगों का कहना है कि हमने अपील भी कर दी है, और डीलर के पास आधार कार्ड भी जमा करा दिया है। उसके बाद भी इनकी समस्या का हल नही हुआ है।
इन परिवारों को नहीं मिलता है किट:-
जिले में 6 माह में 8 हजार 615 परिवारों ने नए राशनकार्ड बनाये हैं, जिन्हें किट नही मिल रहा है। यह सब सहरिया समुदाय के हैं। इस कारण इनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रसद विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि किट देने के लिए जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उदयपुर से स्वीकृति लेनी पड़ती है, इसके लिए चार माह पहले स्वीकृति मांगी थी, लेकिन अभी तक जवाब नहीँ आया है ।
” हमारे पास जो अभी अपील आयी है, उसका या तो रसद विभाग को भेज दिया गया है या फिर जाँच के लिये अभी कार्यलय में एक भी अपील पेंडिंग नहीं है। करीब ढाई हजार अपील भेजी जा चुकी है। उसके बाद भी अगर लोगों को राशन नहीं मिल रहा है तो सम्बंधित विभाग को अवगत कराया जायेगा। ” : एस डी ओ उदयभान सिंह चारण शाहाबाद
” सहरिया परिवारों को अपील करने की जरुरत नहीँ है, पटवारी व् ग्रामसेवक द्वारा वंचित लोगों का सर्वे कर सूची बनाकर दे दी जाये तो इनको जोड़ दिया जायेगा। 8 हजार 651 परिवारों को पुर्व में भी जोड़ दिया गया है और अन्य जाति के लोगों को अपील करना पड़ेगा। किट देने के लिए जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उदयपुर से स्वीकृति मांगी है, जो अब तक नहीं मिली है।” : जिला रसद अधिकारी शंकरलाल मीणा बारां।
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