रहीम शेरानी हिंदुस्तानी, ब्यूरो चीफ झाबुआ (मप्र), NIT:
भारत सरकार ने सभी नागरिकों को सुविधा व सम्मान के साथ जीवन यापन करने के कई अवसर समय-समय पर योजना बना कर दिए हैं लेकिन यह आदिवासियों का दुर्भाग्य है कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी गुलामी से भी बत्तर जीवन जीने को मजबूर हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं पेटलावद तहसील के ग्राम चंद्रगढ़ का।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव की समस्याओं को लेकर अनेकों बार सीएम से लेकर पीएम तक गुहार लगाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से हम वंचित हैं। बताते हैं कि ग्राम चंद्र गढ़ 7 किलोमीटर तक की रेंज में बसा हुआ है। इस गांव में 1126 मतदाता होने के बाद भी यहां पर कोई हॉस्पिटल नहीं है और ना ही कोई व्यवस्था है। अगर कोई बीमार हो जाए तो 25 किलोमीटर रायपुरिया जाना पड़ता है या फिर पेटलावद 35 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। समस्याओं से जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को भी अवगत करवा चुके हैं लेकिन प्रशासन के नुमाइंदे भी समस्याओं को नजर अंदाज कर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.