अशफाक कायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:
भारत में 2008 में डिलिमीटेसन होने के समय राजस्थान में सीटों की संख्या में देश के अन्य प्रांतों की तरह कोई बदलाव नहीं आया लेकिन भौगोलिक स्थिति में जरुर अनेक सीटों मे बदलाव आया था। पिछले चुनाव में स्काईलैब की तरह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे अजरुद्दीन कांग्रेस के उम्मीदवार बनकर टोंक- सवाईमाधोपुर सीट पर आ जाने के बावजूद मोदी लहर के चलते चुनाव हारने के बाद आज तक फिर एकदफा भी लौटकर टोंक-सवाईमाधोपुर नहीं आये। लेकिन अब टोंक-सवाईमाधोपुर से कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है।
हालांकि टोंक-सवाईमाधोपुर से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही थी लेकिन अब प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की चर्चा से वैभव गहलोत के चुनाव लड़ने की चर्चा को विराम लगने लगा है। पिछले चुनाव में टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से अल्पसंख्यक उम्मीदवार होने से पहले 2009 मे चूरु से कांग्रेस ने रफीक मण्डेलिया को मैदान में उतारा था जो भाजपा के रामसिंह कस्वा से मात्र आठ हजार के करीब मतों के अंतर से चुनाव हार गये थे। जबकि 2009 के चुनाव में चूरु से व 2014 में टोंक-सवाईमाधोपुर के अलावा पहले जयपुर, अजमेर, झालावाड़ व झूंझुनू से भी अलग अलग चुनावों में अलग अलग जगह से परम्परा अनुसार एक एक उम्मीदवार को मैदान में कांग्रेस पार्टी उतारती आई है। पर झूंझुनू लोकसभा क्षेत्र मात्र ऐसा है जहां से राजस्थान में एक मात्र मुस्लिम उम्मीदवार कैप्टन अय्यूब खाॅ दो दफा लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन पाये हैं।
अब ऐसी स्थिति में जब टोंक-सवाईमाधोपुर से मुस्लिम उम्मीदवार बनने की राह खत्म होने पर कांग्रेस चूरु या झूंझुनू दोनों में से एक सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतार सकती है। झूंझुनू जिला काग्रेस नेताओं में जमकर आपसी टकराव देखा जा रहा है। पिछले दिनों जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर लोकसभा चुनावों को लेकर की जा रही रायशुमारी में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व पार्टी नेताओं की मौजूदगी में आपसी जुतमपेजार व टकरावट ने अजीब हालात बयां कर दिये हैं। अपने आपकी टिकट मान बैठी शीशराम ओला की पुत्रवधू व विधायक विजेंदर ओला की पत्नी राजबाला के खिलाफ पूर्व विधायक श्रवण कुमार पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. चंद्रभान जैसे दावेदारों ने टिकट की दावेदारी लिखित में अपने समर्थकों के मार्फत मजबूती से रखी है। उक्त तीनों जाट उम्मीदवारों के अलावा प्रदेश महामंत्री शब्बीर खान ने भी अपना पक्ष अपने समर्थकों के मार्फत लिखित में रखवाया है।
कुल मिलाकर यह है कि टोंक-सवाईमाधोपुर से प्रियंका गांधी के लोकसभा चुनाव लड़ने की सम्भावना के मद्देनजर अब झूंझुनू या चूरु से मुस्लिम उम्मीदवार कांग्रेस की तरफ से टिकट पाना लगभग तय बताया जा रहा है।
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