कासिम खलील, ब्यूरो चीफ बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT:
बुलढाणा से निकल कर मराठवाड़ा और खानदेश को जोड़ने वाले बुलढाणा-अजंता मार्ग पर देवलघाट तक मार्ग के दोतरफा खडे पेड राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। रोड से बिल्कुल लग कर खडे ये पेड अब तक कई छोटे-बडे हादसों का कारण बन चुके हैं जिसके कारण कई लोग गंभीर रूप से ज़ख़्मी हुए जबकि कइयों को अपनी जान से हाथ धोना पडा है। इन जानलेवा पेड़ों की कटाई की अनुमति देने में वन विभाग की लेटलतीफी की बात सामने आई है, जबकि जिले के अन्य मार्गो के पेडों की कटाई के लिए वन विभाग ने अपनी आंखें बंद रखकर अनुमति दे रखी है।
संपूर्ण बुलढाणा जिले में राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण द्वारा नए मार्गों के विस्तार का कार्य तेजी से चल रहा है। बुलढाणा से अजंता को जोड़ने वाले तकरीबन 50 किलोमीटर का ये मार्ग का भी इसमें शामिल है। देवलघाट से अजंता तक ये मार्ग सीमेंट कंक्रीट का रहेगा जबकि देवलघाट से बुलढाणा के बीच 8 किलो मीटर का ये रास्ता डामर का रहेगा जिसे नए सिरे से निर्माण किया जाना है। देवलघाट से अजंता तक का काम जारी है जिसके विस्तार के लिए रोड से सटे सभी पेड़ काट दिए गए हैं जबकि बुलढाणा से देवलघाट के बीच के पेड अभी काटे नहीं गए हैं। बता दे कि बुलढाणा से देवलघाट के दरमियान में कई साल पुराने पेड देवलघाट के नवाब परिवार द्वारा लगाए गए थे। उस समय इस मार्ग से यातायात कम था और बडे वाहनों की आवजाही भी नहीं थी। बदलते समय के साथ मार्ग भी चौडा होता गया और मार्ग से कुछ दूर लागाए गए पेड आज मार्ग को छू रहे हैं। कई स्थानों पर ये आलम है कि, एक समय में दो बड़े वाहन आमने-सामने आ जाएं तो पेडों के कारण एक वाहन को रुकना पड़ता है। रात के समय सामने से आ रहे वाहन के लाइट की रौशनी के कारण वाहन चालक को सामने रोड से सटा हुआ पेड़ नज़र नहीं आता और इसी कारण कई हादसे भी हुए हैं जिसमें अब तक कई लोगों को अपनी जान गंवानी पडी है। वनविभाग इस मार्ग के पेडों की कटाई के लिए कागज़ी खानापूरी के नाम पर फिलहाल एक बहोत बडा रोडा बना हुआ है और यही कारण है कि, मार्ग के निर्माण में देरी हो रही है।
मार्ग की दुर्दशा से वाहन चालक परेशान
बुलढाणा से देवलघाट का ये 8 किलोमीटर का मार्ग एक दम बुरी हालत में है। मार्ग पर बने गड्ढे वाहन धारकों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। नया मार्ग मंजूर हुआ है किंतु मार्ग से सटे पेडों की कटाई में वन विभाग बाधा डाले हुए है। जब तक इन पेडों की कटाई नहीं होती तब तक नए मार्ग का निर्माण संभव नज़र नहीं आ रहा है।
हम ने इस मार्ग की चौडाई कितनी है इसके लिए एनएचए को पत्र देकर जानकारी मांगी है,साथ ही मार्ग का नक्शा और मार्ग से सटी ज़मीन के टीपन उतारे भी मंगवाए हैं, ये दस्तावेज़ मिलने के बाद पेडों की कटाई की अनुमति दे दी जाएगी: एस.यु. शिंदे, प्रभारी आरएफओ, बुलढाणा।
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