रहीम शेरानी हिंदुस्तानी, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ जिले के राणापुर में बसेर परिवार के सहयोग से चल रही श्रीमद भागवत कथा के छटे दिन व्यासपीठ पर विराजमान प.अजय आनन्द ने कथा के माध्यम से कहा की अगर करोड़ों रुपये की लागत से भव्य मन्दिर का निर्माण कराया हो पर उसमें भगवान की प्रतिमा विराजमान नहीं हो तो उस मन्दिर का क्या मतलब है। उसी प्रकार यदि मानव जीवन पाने के बाद मन में भगवान का वास नहीं है और जीवन में शान्ति नहीं है तो यह जीवन या मानव भव किस काम का है।
विभिन्न समाजों ने किया बहुमान
कथा के छटे दिन श्वेताम्बर जैन श्रीसंघ यतीन्द्र ज्ञान मन्दिर की ओर से अध्यक्ष चन्द्रसेन कटारिया, रमणलाल कटारिया, मोतीलाल कटारिया, प्रवीण कटारिया, दिलीप सालेचा, प्रकाश सालेचा, हितेश जैन, जितेंद्र सालेचा, अंकित कोठारी, विनय कटारिया आदि बोहरा समाज के प्रमुख, प्रजापत समाज के युवाजन, राजपूत समाज, माली समाज आदी ने व्यास पीठ पर विराजे पण्डित जी का शाल श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।
व्यास पीठ पर बीराजे पण्डित असाध्य रोग से पीडित हे फिर भी प्रभू भक्ति मे लीन रहकर भागवत के चरित्र ओर सोपानो को अपनी सीधी सरल भाषा, और मधुर वाणी से जन जन तक पहुचाने का भागीरथी कार्य करते है। सचमुच अपने शरीर का तनिक भी ध्यान न रखते हुये प्रभू की सेवा मे लगे रहना निश्चित अनुकर्णीय है। वक्ता की बिमारी का जेसे ही नगर को पता चला नगर के समस्त समाज हिन्दु, मुस्लिम, इसाई एक साथ सातों दिनों तक उमड़ पड़े और सेवा में अपने दोनों हाथ आगे कर यथा शक्ति दान राशि पूज्य श्री के चरणों में समर्पित करने लगे। व्यवस्था मे गम्भीर मल राठी, नटवर हरसोला, सुरेश समीर, भीम दवे, योगेश पड़ीयार, भूपेन्द्र पड़ीयार, औम प्रकाश अरोड़ा आदी व्यवस्था में लगे हुये है। समारोह का सकुशल संचालन गोविंद नायक कर रहे है।
कथा के सातवे दिन आज समापन के अवसर पर 12 बजे से कथा प्रारम्भ होगी साथ ही विशाल भंडारे (भोजन परसादी) का आयोजन आयोजित किया है। समिति और मुख्य यजमान कन्हेयालाल, शांतिलाल एवं कृष्णा बसेर परिवार ने सभी धर्म प्रेमियो से पधारने का आग्रह किया है।
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