साबिर खान /अब्दुल वाहिद काकर, अहमदनगर /मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:
अहमदनगर के महापौर चुनाव में एनसीपी ने बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन दे कर शिवसेना का खेल बिगड़ दिया है जबकि वह अहमदनगर मनपा चुनाव में 24 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। जबकि शिवसेना ने सोमवार को कहा कि अहमदनगर के महापौर के चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को समर्थन किया जाना शिवसेना के लिए कोई झटका नहीं है। शिवसेना ने यह भी कहा कि यह नया पैटर्न पुराने अवैध राजनीतिक संबंधों को उजागर करता है।
68 सदस्यीय इस नगर निकाय में भाजपा के महज 14 सीटें जीतने के बावजूद उसके नेता बाबासाहब वकाले पिछले सप्ताह वहां के महापौर निर्वाचित हुए हैं, राकांपा के 18 पार्षदों, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के चार और एक निर्दलीय सदस्य ने वकाले के पक्ष में वोट डाला। शिवसेना 24 सीटों के साथ अहमदनगर नगर निकाय में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। कांग्रेस के पांच पार्षदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
शिवसेना बोली- हमें कोई झटका नहीं लगा
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है, ‘शिवसेना को बीजेपी और एनसीपी की राजनीति से कोई झटका नहीं लगा है। बीजेपी और एनसीपी का अवैध राजनीतिक संबंध पुराना है और वर्तमान महाराष्ट्र सरकार मूल रूप से इसी संबंध से जन्मी है। अहमदनगर के नए पैटर्न से बस यही उजागर हुआ है।’
भाजपा को समर्थन देने वाले पार्षदों पर होगी कार्रवाई
राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है कि पार्टी के मना करने के बावजूद अहमदनगर के स्थानीय नेताओं ने बीजेपी को समर्थन दिया है, इसके लिए वहां के विधायक और पार्षदों को कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।
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