वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ लखीमपुर (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित संस्कृत सम्भाण योजना के अन्तर्गत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर जिले के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के बाद विद्यालयों में संस्कृत वाग्व्यवहार कार्यशाला के आयोजन की श्रृंखला में पूर्व माध्यमिक विद्यालय मड़राही में उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रधानाध्यापक दयासागर पाण्डेय ने कहा संस्कृत हमारी मात्र भाषा ही नहीं,अपितु संस्कृति की जननी है। जिस तरह जीवन के बिना शरीर का कोई महत्व नहीं,उसी तरह संस्कृत के बिना संस्कृति भी निर्जीव है। विशिष्ठ अतिथि न्याय पंचायत संसाधन समन्वयक राममोहन दीक्षित ने कहा कि भारत को जानने के लिए संस्कृत को जानना जरूरी है।संस्कृत एक पूर्ण वैज्ञानिक भाषा है,जिसके शुद्ध उच्चारण मात्र से ही किसी व्यायाम की आवश्यकता नहीं पड़ती अतः हर एक व्यक्ति को संस्कृत चाहिए।कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षिका मीना कुमारी ने किया उन्होंने बताया कि संस्कृत अत्यन्त सरल भाषा है हम सब को इसे सीखनी चाहिए।प्रशिक्षक लल्लन बाबू मौर्य ने प्रास्ताविक में बताया कि संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है नैतिक और चारित्रिक गुणों जैसी व्याख्या इसमें वैसी अन्यत्र नहीं है। अतः भारतीय परम्परा को जानने और चरित्र निर्माण हेतु संस्कृत आवश्यक है। इस अवसर पर सहायक अध्यापक अवधेश कुमार सिह, श्रीमती पूनम त्रिवेदी, अतिथि शिक्षक अभिषेक कुमार, शिक्षामित्र प्रेम कुमार उपस्थित थे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.