तारिक खान, रायसेन ( मप्र ), NIT; उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र नकतरा में आयोजित दो दिवसीय उद्यानिकी कृषक सेमीनार एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनीता किरार द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरार ने कहा कि मानसून की अनिश्चितता, कम बारिश तथा जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों की उत्पादकता पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए फसलों की खेती के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी के लिए फल-फूल, शाक-सब्जी की खेती व पशुपालन को अपनाने के लिए कहा। उन्होंने समन्वित फसल प्रणाली का प्रयोग कर उत्पादन बढ़ाने की सलाह भी दी।
सेमीनार में कृषि स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री नेतराम कौरव ने कृषकों को परम्परागत खेती के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों व वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए जैविक खेती को अपनाने की सलाह दी। सेमीनार में डॉ. जाय प्रकाश किरार, कृषि वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुबे, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री नरेश तोमर, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी श्री एस.पी. अग्रवाल ने भी कृषि से संबंधित जानकारी के साथ अनेक सुझाव दिए।
सेमीनार में जानकारी दी गई कि परम्परागत खेती के अलावा उद्यानिकी के अन्तर्गत फल-बगीचा, फूलों की खेती, ड्रिप व मल्चिंग तकनीक पर सब्जियों की खेती करने से ही खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है। राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन अन्तर्गत कृषक पॉली हाऊस, नेट हाऊस, ड्रिप व मल्चिंग तकनीक आदि का उपयोग कर उद्यानिकी फसलों का अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। इस अवसर पर उद्यानिकी फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित कपिलधारा योजना में लाभान्वित कृषकों को कम पानी का उपयोग कर अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने की तकनीक बताई। यह बताया गया कि किसान पौध रोपण एवं टपक सिंचाई पद्धति का प्रयोग कर कम से कम क्षेत्रफल में भी लाभ प्राप्त कर सकता है। इस अवसर पर जिले के सभी विकास खण्डों से कृषकों द्वारा उद्यानिकी फसलों के प्रादर्श को प्रदर्शनी में रखा गया। इस अवसर पर जिले के सातों विकास खण्ड के अनेक किसान उपस्थित थे।
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