संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ ग्वालियर (मप्र), NIT:
गोपाल किरण समाज सेवी संस्था द्वारा एवं जिला बाल अधिकार फोरम के द्वारा मुरार स्थित सोनपाल हाई स्कूल के प्रांगण से स्वच्छता रेली आयोजित की गई। इस रेली में मुख्य आतिथि तिथि के रूप में संदीप कुमार सैनी (सहायक प्रबंधक कपोरेशन बैक) खुरेरी. विशेष अतिथि, प्रिटी जोसी, (महिला विशेष सेल), जहाँ आरा, श्यामवीर सिंह राजपूत, दिनेश जी, श्रीप्रकाश सिंह निमराजे (अध्यक्ष गोपाल किरण समाज सेवी संस्था), नीलम चौकोरिया (करपोरेसन बैक) उपस्थित हुए।
रैली में उपस्थित जनों को सपथ दिलाई गई जिसमें सभी लोगो ने उन सपथ को दोहराया। श्रीप्रकाश निमराजे ने रैली के उद्देश्य एवं बिषय पर व्यापक चर्चा करते हुए कहा की
हर भारतीय नागरिक का एक छोटा सा कदम। रोजमर्रा के जीवन में हमें अपने बच्चों को साफ-सफाई के महत्व और इसके उद्देश्य को सिखाना चाहिये। स्वच्छता एक ऐसा कार्य नहीं है जो हमें दबाव में करना चाहिये। ये एक अच्छी आदत और स्वस्थ तरीका है हमारे अच्छे स्वस्थ जीवन के लिये। स्वच्छता हर एक की पहली और प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिये। सभी को ये समझना चाहिये कि खाने और पानी की तरह ही स्वच्छता भी बेहद आवश्यक है। बल्कि, हमें स्वच्छता को खाने और पानी से ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिये। हम केवल तभी स्वस्थ रह सकते है जब हम सब कुछ बहुत सफाई और स्वास्थ्यकर तरीके से लें। बचपन सभी के जीवन का सबसे अच्छा समय होता है जिसके दौरान स्वच्छता की आदत में कुशल हो सकते है जैसे चलना, बोलना, दौड़ना, पढ़ना, खाना आदि अभिभावक के नियमित निगरानी और सतर्कता के साये में हो। अच्छे स्वास्थ्य के लिये सभी प्रकार की स्वच्छता बहुत जरुरी है चाहे वो व्यक्तिगत हो, अपने आसपास की, पर्यावरण की, पालतु जानवरों की या काम करने की जगह (स्कूल, कॉलेज आदि) हो। हम सभी को निहायत जागरुक होना चाहिये कि कैसे अपने रोजमर्रा के जीवन में स्वच्छता को बनाये रखना है। अपनी आदत में साफ-सफाई को शामिल करना बहुत आसान है। प्रिटी जोशी ने कहा की
हमें स्वच्छता से कभी समझौता नहीं करना चाहिये, ये जीवन में पानी और खाने की तरह ही आवश्यक है। इसमें बचपन से ही कुशल होना चाहिये जिसकी शुरुआत केवल हर अभिभावक के द्वारा हो सकती है पहली और सबसे बड़ी जिम्मेदारी है के रुप में।स्वच्छता एक ऐसा कार्य नहीं है जो हमें दबाव में करना चाहिये। ये एक अच्छी आदत और स्वस्थ तरीका है हमारे अच्छे स्वस्थ जीवन के लिये। अच्छे स्वास्थ्य के लिये सभी प्रकार की स्वच्छता बहुत जरुरी है चाहे वो व्यक्तिगत हो, अपने आसपास की, पर्यावरण की, पालतु जानवरों की या काम करने की जगह (स्कूल, कॉलेज आदि) हो। हम सभी को निहायत जागरुक होना चाहिये कि कैसे अपने रोजमर्रा के जीवन में स्वच्छता को बनाये रखना है। अपनी आदत में साफ-सफाई को शामिल करना बहुत आसान है। हमें स्वच्छता से कभी समझौता नहीं करना चाहिये, ये जीवन में पानी और खाने की तरह ही आवश्यक है। इसमें बचपन से ही कुशल होना चाहिये जिसकी शुरुआत केवल हर अभिभावक के द्वारा हो सकती है पहली और सबसे बड़ी जिम्मेदारी है के रुप में।साफ-सफाई एक अच्छी आदत है जो स्वच्छ पर्यावरण और आदर्श जीवन शैली के लिये हर एक के पास होनी चाहियेइसकी शुरुआत घरों, स्कूलों, कालेजों, समुदायों, कार्यालयों, संस्थानों से हो जिससे कि देश में व्यापक स्तर पर स्वच्छ भारत क्रांति हो। हमें खुद को, घर, अपने आसपास, समाज, समुदाय, शहर, उद्यान और पर्यावरण आदि को रोज स्वच्छ रखने की जरुरत है। हम सभी को स्वच्छता का ध्येय, महत्व तथा जरुरत को समझना चाहिये और इसे अपने दैनिक जीवन में लागू करना करना चाहिये। कई क्रियाओं के द्वारा स्कूलों में बच्चों के बीच स्वच्छता को प्रचारित किया जाता है जैसे स्कूल परिसरों की सफाई, क्लासरुम की सफाई, लैब की सफाई, स्वच्छता पर पोस्टर बनाना, गंदगी को अलग करना, निबंध लिखना, स्वच्छता पर पेंटिंग बनाना, कविता पाठन, समूह चर्चा,
हमें स्वच्छता से कभी समझौता नहीं करना चाहिये, ये जीवन में पानी और खाने की तरह ही आवश्यक है। इसमें बचपन से ही कुशल होना चाहिये जिसकी शुरुआत केवल हर अभिभावक के द्वारा हो सकती है पहली और सबसे बड़ी जिम्मेदारी है के रुप में।स्वच्छता एक ऐसा कार्य नहीं है जो हमें दबाव में करना चाहिये। ये एक अच्छी आदत और स्वस्थ तरीका है हमारे अच्छे स्वस्थ जीवन के लिये।
अच्छे स्वास्थ्य के लिये सभी प्रकार की स्वच्छता बहुत जरुरी है चाहे वो व्यक्तिगत हो, अपने आसपास की, पर्यावरण की, पालतु जानवरों की या काम करने की जगह (स्कूल, कॉलेज आदि) हो। हम सभी को निहायत जागरुक होना चाहिये कि कैसे अपने रोजमर्रा के जीवन में स्वच्छता को बनाये रखना है। अपनी आदत में साफ-सफाई को शामिल करना बहुत आसान है। हमें स्वच्छता से कभी समझौता नहीं करना चाहिये, ये जीवन में पानी और खाने की तरह ही आवश्यक है। इसमें बचपन से ही कुशल होना चाहिये जिसकी शुरुआत केवल हर अभिभावक के द्वारा हो सकती है पहली और सबसे बड़ी जिम्मेदारी है के रुप में।साफ-सफाई एक अच्छी आदत है जो स्वच्छ पर्यावरण और आदर्श जीवन शैली के लिये हर एक के पास होनी चाहियेइसकी शुरुआत घरों, स्कूलों, कालेजों, समुदायों, कार्यालयों, संस्थानों से हो जिससे कि देश में व्यापक स्तर पर स्वच्छ भारत क्रांति हो। हमें खुद को, घर, अपने आसपास, समाज, समुदाय, शहर, उद्यान और पर्यावरण आदि को रोज स्वच्छ रखने की जरुरत है। हम सभी को स्वच्छता का ध्येय, महत्व तथा जरुरत को समझना चाहिये और इसे अपने दैनिक जीवन में लागू करना करना चाहिये। कई क्रियाओं के द्वारा स्कूलों में बच्चों के बीच स्वच्छता को प्रचारित किया जाता है जैसे स्कूल परिसरों की सफाई, क्लासरुम की सफाई, लैब की सफाई, स्वच्छता पर पोस्टर बनाना, गंदगी को अलग करना, निबंध लिखना, स्वच्छता पर पेंटिंग बनाना, कविता पाठन, समूह चर्चा, डॉक्यूमेंटरी वीडियों आदि। जहाँआरा जी ने कहा कि
स्कूल और कॉलेजों में स्वच्छता के विभिन्न प्रकारों के विषय पर विद्यार्थीयों को बहुत सारे होमवर्क दिये जाते है। आज के दिनों में ये बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि एक बहुत बड़ी जनसंख्या स्वच्छता के अभाव में बीमारी की वजह से रोज मर रही है। इसलिये, हमें जीवन में स्वच्छता के महत्व और जरुरत के बारे में जागरुक होना बेहद आवश्यक है। हजारों जीवन को बचाने और उन्हें स्वस्थ जीवन देने के लिये हम सभी को मिलकर स्वच्छता की ओर कदम बढ़ाने की जरुरत है।
रैली निकालकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। यह रैली खुरेरी के मुख्य मार्ग से होते हुए स्वास्थ केंद्र के रास्ते से होते हुए बड़ा गांव की सक्री गलियों में गंदगी से भरी हुई गलियों से होते हुये के खुरेरी गांव के अंदर पहुची रैली जहा की गलियों की हालत चिंता जनक थी यह रेली नगर निगम के क्षेत्रीय कार्यालय पर समाप्त हुई ।रैली में शामिल बच्चे हाथ मे स्वच्छ्ता का संदेश लिए हुए तख्तियों के संदेश को लेकर गर्म जोशी के साथ नारे लगाते हुए चल रहे थे ।रैली का नृतत्व श्रीप्रकाश सिंह निमराजे जी के द्वारा किया गया रैली के समापन के अवसर पर क्षेत्रीय अधिकारी उत्तपल सिंह भदौरिया ने रैली की स्वच्छता के महत्व पर चर्चा की । शहर को स्वच्छ एवं साफ सुथरा रखने, शौचालय का उपयोग करने पॉलीथिन का प्रयोग न करने की अपील की और बच्चों के द्वारा नारे लिखे गये एवं सराया। इस रैली में मुख्य रूप से ज्योति झाव, मीना श्रीवास्तव, कविता राजपूत, राजकुमारी नेहा राजोड़िया, देवीकी राठौर, पवन राजपूत, परमाल सिंह इन्दोरिया, बंटती सिंह राजपूत, अशोक कुमार राठौर, दशरथ तिवारी, कामत प्रसाद, रिन्कू करोसिया, दिनेश भेदुवा, पुष्प उचाडीया, बनवारी श्याम वीर राजपूत आदि की प्रमुख सहभागिता रही जो कि रैली का मार्गदर्शन करते हुए चल रहे थे। इस रैली में शासकीय मध्यविक विद्यालय खुरेरी, सोनपाल हाई स्कूल के विद्यार्थी, स्टाफ, नगर निगम के क्षेत्रय कार्यालय से जुड़े कर्मचारी भी पूरे समय रैली शामिल हुए।
अंत में आभार प्रदर्शन नीलम कोटिया ने किया।
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