कासिम खलील, बुलढाणा(महाराष्ट्र), NIT;
- “मैं नुर बनके ज़माने पर बिखर जाऊंगा।
- तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना”।।
ये पंक्तियाँ देवलघाट के दृष्टिबाधित अनीस बेग की जीवनी पर पूरी तरह से फिट होती है। साफ़ तौर पर उसे नज़र नहीं आता है फिर भी हौसले आसमान छूने के हैं। अपनी शारीरिक कमज़ोरी को दरकिनार रखते हुए अनीस भारतीय अंध क्रिकेट संघ का सदस्य बना और आज कामियाबी उसके कदम चूम रही है। टी-20 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम से देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फ़रवरी को दिल्ली में मुलाक़ात की और सभी खिलाड़ियों को जीत की बधाई दी। इस समय टीम के अन्य खिलाड़ियों के साथ अनीस बेग भी शामिल था।
बता दें कि विगत 12 फ़रवरी को बेंगलुरु में दृष्टिबाधितों का टी-20 विश्वकप का फ़ाईनल मुकाबला खेला गया था, जिसमें भारतीय टीम ने अपने प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। शिकस्त देते ही दृष्टिबाधितों का यह खेल चर्चा में आ गया। इस से पहले देश के अधिकतम लोग इस खेल से अनजान थे।इस भारतीय टीम में महाराष्ट्र का एकमात्र खिलाड़ी अनीस फखरुल्ला बेग भी शामिल था। अनीस मूल बुलढाणा ज़िले के ग्राम देवलघाट का निवासी है। अनीस के पिता पेशे से ट्रक चालक हैं और घर की आर्थिक स्थिती खराब होने के कारण वह नासिक में बस गए हैं। हालांकि अनीस का बचपन देवलघाट में ही गुज़रा और तभी से उसे क्रिकेट खेलने का शौक था। अनीस ने अपना शिक्षण जालना, नासिक और मुंबई में पूरा किया और साथ ही क्रिकेट भी खेलता रहा। बढ़ती उम्र के साथ घर की ज़िम्मेदारी भी संभालना था, इसलिए अनीस मुंबई के उपनगर उल्हासनगर में रहने लगा और लोकल ट्रेन में सामान बेच कर रोज़गार कमाने लगा। इस दौरान उसने क्रिकेट खेलना छोड़ा नहीं। उसका उम्दा खेल देखकर मुंबई की एक संस्था ने उसे खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। तत्पश्चात उसे भारतीय अंध क्रिकेट संघ में स्थान मिल गया। बेंगलुरु में खेले गए टी-20 विश्वकप का अंतिम मुकाबले पाकिस्तान के साथ हुआ जिसमें भारतीय टीम ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर सुर्ख़ियों में छा गई। इस भारतीय टीम से 28 फ़रवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाक़ात की और सभी खिलाड़ियों को जीत की बधाई देते हुए प्रशंसा की।
- महाराष्ट्र शासन की अनदेखी
भारतीय अंध क्रिकेट संघ में पाकिस्तान के खिलाफ में खेलने वाले खिलाड़ी अनीस बेग ने केवल अपने ज़िले का ही नही बल्कि पुरे महाराष्ट्र का नाम रौशन किया है। माना कि अनीस में दृष्टिदोष है किन्तु राज्य सरकार की दृष्टी तो ठीक है। इसके बावजूद भी 20 दिन का लम्बा अंतराल गुजरने पर भी आज तक राज्य सरकार ने अनीस की पीठ पर शाबाशी की थाप नहीं मारी है। दूसरी तरफ भारतीय टीम में शामिल अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को राज्य सरकार इनाईमो की घोषणा कर रही है और यहां अब तक राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्री और सरकार के किसी बड़े अधिकारी ने एक फोन लगाकर उसे बधाई तक नही दी है, जबकि पीएम खुद चलकर इन खिलाड़ियों से मिले। इस बारे में राज्य सरकार द्वारा भी अनीस के उत्कृष्ट काम की सराहना करते हुए उसे पुरस्कार और सम्मान से नवाज़ना चाहिए ऐसी अपेक्षा व्यक्त की जा रही है।
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