मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेसी सरकार बनते ही हो सकता है किसानों की कर्ज माफी का ऐलान | New India Times

सरवर खान, भोपाल (मप्र), NIT:

मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेसी सरकार बनते ही हो सकता है किसानों की कर्ज माफी का ऐलान | New India Times

मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेसी सरकार बनते ही किसानों की कर्ज माफी का ऐलान हो सकता है। बताया जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के किसानों की कर्ज माफी के वादे को अमली जामा पहनाने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, अब केवल एलान करना बाकी है।

लंबे अंतराल के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेसी सरकार बनने जा रही है और कमलनाथ मुख्यमंत्री के रुप में शपथ लेने वाले हैं और इसी के साथ ही दस दिन में किसानों की कर्ज माफी का भी वादा पूरा होने का आसार है। खबर है कि कमलनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही किसानों के कर्जमाफी के बारे में कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। वहीं कर्जमाफी को लेकर अधिकारियों की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, बस उसे लागू करने की देर है। इनमें सबसे बड़ी कर्जमाफी खरगोन जिले के किसानों को मिलने की उम्मीद है साथ ही सबसे ज्यादा फायदा इंदौर संभाग को मिल सकता है।

दरअसल, प्रदेश में किसानों को खेती के लिए अल्पावधि कर्ज सवा 4 हजार से ज्यादा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से जिला सहकारी बैंक देते हैं। करीब 34 लाख किसानों को 38 जिला बैंकों के माध्यम से सवा 18 हजार करोड़ का कर्ज बांटा है। ऐसे में सबसे ज्यादा कर्ज खरगोन में सहकारी बैंक का ढाई हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बंटा है। 31 अक्टूबर तक जोड़ा जाए तो सहकारी बैंकों के किसानों पर 18 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है, जो की अन्य जिलों की तुलना में सबसे ज्यादा राशि है। इसके साथ ही इंदौर संभाग में भी करीब छह लाख से ज्यादा किसान है जिनकी कर्ज माफी होना है। यहां इन किसानों द्वारा पांच जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों करीब सवा छह हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज लिया हुआ है।हालांकि कांग्रेस चालू कर्ज की माफी करती है या फिर यूपीए सरकार के समय कर्ज माफी और राहत योजना में प्रोत्साहन देने का जो प्रावधान था, वैसा ही प्रदेश में किया जाता है।ये देखने वाली बात होगी।

किन संभागों पर इतना कर्जा

वहीं संभाग स्तर से जबलपुर में दो हजार 333 करोड़, ग्वालियर में एक हजार 650 करोड़, इंदौर में छह हजार 300 करोड़, भोपाल में चार हजार 497 करोड़, रीवा में 830 करोड़, सागर में एक हजार 247 करोड़ और उज्जैन संभाग के सहकारी बैंकों ने पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।


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By nit

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