धुलिया मनपा चुनाव में मंत्री गिरीश महाजन पर धनवर्षा के साथ EVM हैकिंग का आरोप लगाते विपक्ष ने किया भाजपा पर हल्लाबोल | New India Times

अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ धुले (महाराष्ट्र), NIT:

धुलिया महानगर पालिका चुनाव मे भारी जीत हासिल करने का दावा करने वाली भाजपा ने मोबाइल टावर्स के सहारे EVM मशीनों को हैक किया है, साथ ही इस झुठी जीत को जनता के बीच सच प्रतित कराने के लिए प्रचंड रुप से पैसा बांटा गया है, ऐसा आरोप लगाते हुए विपक्ष ने भाजपा और मंत्री गिरीश महाजन पर हल्ला बोला और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

विपक्ष ने मोर्चा निकाल कर आयुक्त सुधाकर को मुखातिब करते हुए शिवसेना पार्टी के महेश मिस्त्री, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कैलाश चौधरी आदि नेताओं आरोप लगाया है कि विपक्ष ने पारदर्शी चुनाव के लिए पहले ही वीवीपीएटी से लैस ईवीम कि मांग की थी जिसे दरकिनार करते हुए प्रशासन ने बगैर वीवीपीएटी वाले ईवीएम मुहैय्या कराए फ़िर भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए मतगणना के दौरान रिलायंस और एयरटेल के टावर्स से ईवीएम को हैक कर लिया, इस हैकिंग के लिए मंत्री गिरिश महाजन ने दक्षिण भारत के राज्यों से हैकर्स से डील कर रखी थी, ऐसा हमला विपक्ष ने किया है। वैसे भी ईवीएम हैकिंग को लेकर पैदा हुए प्रारंभिक राजनितीक गतिरोध के बीच समाचार संकलन में ही संवाददाता ने ईवीएम से जुडे प्रशासनीक पहलु और तकनिकि बिंदुओ पर सटीक विश्लेषण करते हुए नतीजों के बाद ईवीएम को लेकर पनपने वाली राजनितीक बयानबाजी का भी जिक्र कर दिया था जो आज विपक्ष की ब्रीफिंग में स्पष्ट हो गया है। इस ईवीएम कांड में विपक्ष ने भाजपा के साथ प्रशासन को भी पार्टी बनाया और अपनी हार का ठीकरा उस मशीन पर फ़ोड दिया जिसको यह लोग अगर चाहते तो अदालत का दरवाजा खटखटाकर शीर्ष अदालत के वीवीपीएटी से जुडे आदेशों के हवाले से चुस्तदुरुस्त तरीके से अमल में ला सकते थे, जैसा कि सशक्त लोकतंत्र कि मांग थी। बहरहाल विपक्ष के आरोपों से अब सत्तापक्ष पर अपना विश्वास बहाल कर चुकी जनता में विपक्ष को लेकर यही उम्मीद व्यक्त की जाने लगी है, अब शायद यह लोग लोकतंत्र का पाठ कुछ ठीक ढंग से सीख लें।

शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी के पराभूत प्रत्याशियों ने समर्थकों के साथ एक मोर्चा निकालकर मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख को ज्ञापन सौंपकर लोकतंत्र की रक्षा करने की गुहार लगाई है। मनपा प्रशासन ने स्वयं ईवीएम को वीवीपीएट नहीं लगाने का प्रस्ताव सरकार को नहीं भेजा जिसके चलते बीजीपी ने मशीनों में सेटिंग कर बहुमत हासिल किया है और इस दौरान बीजीपी ने शहर में साउथ इंडियन सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की सहायता ली है, उनके आवास के लिए बीजीपी ने 40 बंगले किराए से लिए थे इसलिए पूरा चुनाव सन्देहास्पद हैं, इस तरह का आरोप लगाते हुए शिवसेना के महेश मिस्त्री, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कैलाश चौधरी, सागर कांबले, मंदाकिनी राजेंद्र पाटील, लतीफ खाटीक, संदीप पटोलो आदि ने ईवीएम मशीनों की जांच करने और मतदान गिनती के स्थान पर वाईफ़ाई के उपयोग पर प्रतिबंध लगा कर ईवीएम घोटाले की जांच करने की मांग का ज्ञापन सौंपा है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading