अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लोकतंत्र के लिए खतरा: शैलेश सिंह शैलू | New India Times

फराज अंसारी, बहराइच ( यूपी ), NIT; ​अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लोकतंत्र के लिए खतरा: शैलेश सिंह शैलू | New India Timesबहराइच ठाकुर हुकुम सिंह किसान महाविद्यालय छात्रनेता शैलेश सिंह शैलू ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डी यू) के रामजस कॉलेज में पिछले दिनों हुए विवाद की निन्दा की और एबीवीपी की हरकत को क्रूर और लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। शैलू ने बताया कि एबीवीपी के छात्रों द्वारा निर्दोष छात्रों पर हमला किया गया था, जिसे रोका जाना चाहिए था। यह हमला निर्दोष छात्रों पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र की हर उस धारणा पर हमला था जो हर भारतीय के दिल के करीब है। छात्रनेता शैलू ने बताया यदि महात्मा गांधी जिंदा होते, तो उन्हें गुरमेहर व मेरे राष्ट्र प्रेम की परिभाषा पर गर्व होता। गुरमेहर को उनकी पोस्ट पर सामूहिक दुष्कर्म की धमकियां मिल रही हैं। उन्हें राष्ट्र विरोधी कहकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है यह शर्मनाक है। ​
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लोकतंत्र के लिए खतरा: शैलेश सिंह शैलू | New India Timesबीते बुधवार को रामजस कॉलेज में सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद व शहला राशिद को वक्ता के तौर पर बुलाए जाने का एबीवीपी के सदस्य विरोध करने पहुंचे थे, लेकिन एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मारपीट शुरू कर दी थी जिसमें करीब 20 छात्र घायल भी हो गए थे। इस घटना के विरोध में शैलू ने कहा है यदि एबीवीपी के लोगों ने सार्वजानिक रूप से माफ़ी नहीं मांगी तो जल्द ही पुरे देश में विशाल आंदोलन किया जायेगा। हिंसा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की कथित भूमिका का खुलकर विरोध करने वाली करगिल शहीद कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर के समर्थन में जनपद के किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय के छात्रनेता शैलेश सिंह शैलू ने कहा है कि किसी भी छात्र संगठन को कानून हाथ में लेने का कोई अधिकार नहीं है। देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों का हम सब सम्मान करते हैं और देश के लिए अपने खून का एक एक कतरा बहा देने को सदैव तैयार हैं और उन्हें भी देश से उतना ही प्रेम है जितना हर हिन्दुस्तानी को होना चाइए लेकिन इसका मतलब ये नहीं होता की कानून को हाथ में लिया जाए।​
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लोकतंत्र के लिए खतरा: शैलेश सिंह शैलू | New India Times छात्रनेता शैलू ने बताया कि पत्थर उमर खालिद पर नहीं फेंके गए, वह तो मौजूद ही नहीं था। पत्थर वहां मौजूद छात्रों पर फेंके गए। मैं अपने देश से प्यार करता हूं और अपने देश के विभिन्न विश्वीविद्यालय में पढ़ने वाले साथियों से भी। मैं उनकी अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करता हूं। छात्रनेता शैलू ने कहा है कि पुलिस को उन लड़कों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने गुरमेहर कौर को रेप की धमकी दी है।


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By nit

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