कासिम खलील ,बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT;
रात के समय वाहनों की आवाजाही के लिए प्रतिबंधित ज्ञानगंगा अभयारण्य से हो कर गुजरने वाले बुलढाणा-खामगांव राज्य मार्ग पर इस अभ्यारण्य में लकड़ी के कोयले से भरा एक ट्रक जलकर पूरी तरह से खाक हो गया है। यह घटना गुज़री हुई रात में करीब 11 बजे के दरमियान अभयारण्य के देव्हारी फाटे के पास घटी है।अब प्रश्न यह खड़ा हो रहा है कि इस लकड़ी के कोयला की “ज्ञानगंगा अभयारण्य” से तस्करी तो नही की जा रही थी, फिर किसी और जंगल से ये कोयला चुराकर लाया गया था??बता दें कि बुलढाणा ज़िले के आरक्षित वन “ज्ञानगंगा अभयरण्य” में पिछले महिने में आग लगने की 3 से 4 घटनाएं घटी हैं, जिसमें 200 हेक्टर से अधिक क्षेत्र की वन संपदा जल कर राख हो गई थी। इस जंगल के बड़ी संख्या में अंजन के पेड़ जल गए थे। कल 27 फ़रवरी की रात में ज्ञानगंगा अभयारण्य से गुज़र रहे ट्रक क्र. एमएच-04 डीके-7621 में अचानक आग लग गई और चालक ट्रक छोडकर फरार हो गया। सुबह वन्यजीव विभाग के कर्मी वहाँ पहुंचे और अपने वरिष्ठों को सूचित करने के बावजूद भी कोई भी अधिकारी घटनास्थल पर नहीँ पहूंचा। यह घटना स्थल बुलढाणा ग्रामीण थाना की हद में आने के कारण जानकारी मिलने के बाद बुलढाणा ग्रामीण के थानेदार अशोक कंकाले, बीट जमादार शिवाजी बाहेकर व सुधाकर काले वहाँ सुबह 10 बजे पहुंचे तब भी ट्रक और उसमें मौजूद कोयला जल रहा था। उन्होंने इस घटना की जानकारी अपने वरिष्ट और राजस्व विभाग को देते हुए बुलढाणा नगर परिषद के अग्निशमन दल को बुलाया जिसने वहां पहुंचने के बाद आग को बुझा दिया। इस घटना की जानकारी बुलढाणा ग्रामीण थाने की स्टेशन डायरी में दर्ज कर ली गई है। हालांकि यह भी जानकारी सामने आ रही है कि यह ट्रक कोयला ले कर अकोला जिले के पातुर से निकल कर खामगांव होता हुआ बुलढाणा की दिशा में जा रहा था, किन्तु इस जानकारी की अभी पृष्ठी नहीं हो पाई है। अभी तक ट्रक ड्राइवर और मालक के पता नहीं चल पाया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि घटना के बाद ट्रक चालक फरार हो गया है और ट्रक चालक की यह फरारी कई सवाल खड़े कर रही है, कि क्या यह लकड़ी का कोयला अवैध तरीके से “ज्ञानगंगा अभयारण्य” से चुराकर ले जाया जा रहा था? अगर नहीं तो फिर ट्रक चालक के पास में कोयला ढोने की वन विभाग से अधिकृत रूप से अनुमति थी क्या?? अब इन सभी सवालों के जवाब सम्बंधित विभाग को खोजना चाहिए। इस विषय में ज्ञानगंगा अभयारण्य के अधिकारियों से जानकारी लेने का प्रयास किया गया किन्तु उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।
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