फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ बहराइच (यूपी), NIT:
योगी सरकार अपराध व अपराधियों पर लगाम कसने के दावे तो जरूर कर रही है लेकिन जिनके कांधों पर उन दावों को असल हकीकत में अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी है वह गम्भीर से गम्भीर मामलों को हल्का फुल्का मामला बता एफआईआर तक दर्ज करने से कतरा रहे हैं। मामला नवागन्तुक थानाध्यक्ष रिसिया से जुड़ा है जिन पर पूर्व में तत्कालीन प्रभारी निरिक्षक कोतवाली नगर रहते हुए एक गोलीकांड में एफआईआर दर्ज न करने के मामले में गाज गिरी थी बावजूद इसके वह अपने उसी पुराने आचरण के दामन को थामे हुए हैं, जिन पर हिन्दी सिनेमा की मशहूर फिल्म “वीर ज़ारा” का यह गीत “हम तो भई जैसे हैं वैसे रहेंगे, अब कोई खुश हो या हो खफा। हम नहीं बदलेंगे, अपनी अदा” गीत बिल्कुल सटीक बैठती नज़र आ रही है।
दरअस्ल मामला जिले के थाना क्षेत्र में हुए खूनी संग्राम से जुड़ा है जिसमे घायल एक वृद्ध अब इस दुनिया को अलविदा बोल गया है जबकि एक गर्भवती ज़िन्दगी और मौत के बीच की जंग लड़ रही है। इतना सबकुछ हो गया लेकिन थानाध्यक्ष साहब को यह सिर्फ एक मामूली सी झड़प ही लगी और उन्होंने मात्र एनसीआर दर्ज अपने दायित्वों की इतिश्री कर लेने में ही अपनी भलाई समझी। हालांकि अब मामले ने जब तूल पकड़ा तो पुलिस एनसीआर को एफआईआर में परिवर्तित कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की दुहाई दे रही है। मिली जानकारी के अनुसार रिसिया थाने क्षेत्र के गोकुल पुर के मजरे गंगापुर गांव में सोमवार की देर शाम कच्ची शराब का विरोध किए जाने पर लाठी डंडों से लैस हमलावरों ने हमलाकर दिया। जिस्के चलते दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया। दोनों पक्षों से एक गर्भवती महिला सहित नौ लोग घायल हो गये। घायलों को सीएचसी लाए जाने पर पिता, पुत्र व गर्भवती पुत्रवधु को जिला अस्पताल रेफर किया गया। घायल अधेड़ की मंगलवार की सुबह मौत हो गयी जबकि गर्भवती महिला की हालत नाजुक बतायी जा रही है। सवाल यह उठता है कि ऐसी घटना जिसमे एक घर का चिराग बुझ गया वह घटना स्थानीय पुलिस के लिए मामूली कैसे लग सकती है। क्या यही है गौरव ग्रोवर की बेहतर पुलिसिंग व्यव्यस्था जिसमे थाने की कमान संभालने के बाद एसओ साहब अपने उसी पुराने ढर्रे पर आ गये हैं जिसके लिये वह जिले में पहले से ही चर्चित हैं। अब देखना यह है कि लापरवाही बरतने पर सिपाहियों पर गाज गिराने वाले कप्तान एसओ साहब की इस लापरवाही पर उन्हें क्या सबक देते हैं।
जिले में अपराध का ग्राफ कम करने और अपराधियों पर नकैल कसने के लिए पुलिस कप्तान ने कई थानाध्यक्षों को इधर से उधर कर दिया। ऐसे में थाना रिसिया की कमान अटल विहारी ठाकुर को मिली। थाने की कमान मिलते ही एसओ साहब डट गये अपने थाना क्षेत्र में अपराध का ग्राफ कम करने कवायद में और उन्होंने कप्तान को अपने थाना क्षेत्र में अपराध का ग्राफ कम दिखाने का एक बहुत ही नायाब तरीका ढूंढ निकाला। जिले में सीएम का दौरा प्रस्तावित है ऐसे में बढ़े अपराध के ग्राफ का रिस्क नवागन्तुक थानाध्यक्ष अपने कांधों पर लेना नही चाहते हैं। एसओ साहब ने एक खूनी संघर्ष जिसमे 9 घायल हुए और अब उसमे से एक कि मौत भी हो गयी है के मामले में महेज एनसीआर दर्ज कर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है। मामला कच्ची शराब बेचने से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है जबकि स्थानीय पुलिस इसे पुरानी रंजिश के चलते मारपीट होना बता रही है। आपको बताते चलें कि इस खूनी संघर्ष में घायलों को सीएचसी में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था जहां दो हालत को नाजुक देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। लेकिन स्थानीय पुलिस को महेज़ अपना दामन बचाने के लिए यह खूनी संघर्ष मात्र एक मामूली विवाद ही नज़र आया। पुलिस का कहना है कि प्रकरण में दोनों ओर से एनसीआर दर्ज है। घायलों में एक कि मौत हो गयी है जिसका पीएम कराया जा रहा है। पीएम होने के बाद एनसीआर को एफआईआर में परिर्तित कर कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
ज्ञात हो कि रिसिया थाने के गोकुल पुर के मजरे गंगापुर गांव सोमवार की रात लगभग साढ़े आठ बजे में इसी गांव निवासी दद्दन चौहान (28) पुत्र हरिराम ने कच्ची शराब बेंच रहे लोगों का विरोध किया। जिसपर दद्दन व रामस्नेही के बीच कहासुनी होने लगी। इसी दौरान राम स्नेही के पक्ष के समर्थको ने लाठी डंडों से लैस होकर हमला कर दिया। जिसमें दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। जिसमें एक पक्ष से हरिराम (50) पुत्र विधाराम, उसका पुत्र दद्दन, पुत्रवधु विमला (26), छोटा बेटा मकील (18), राधेश्याम (45) पुत्र विधाराम, राजेन्द्र प्रसाद (45),कुंवर बहादुर(43) पुत्रगण त्रिलोकी नाथ घायल हो गये। जबकि दूसरे पक्ष से राम स्नेही व उसके भाई भाई मथुरा घायल हो गया। कच्ची शराब के विरोध में खूनी संघर्ष की भनक लगते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन फानन में पहुंची पुलिस ने घायलों को रिसिया सीएचसी भेजा। चिकित्सकों ने गंभीर घायल हरिराम चौहान, दद्दन व गर्भवती महिला विमला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। कच्ची शराब के जरायम को छिपाने की कवायद शुरू हो गयी। पुलिस ने पहले हमलावर पक्ष से रामस्नेही पुत्र शम्भु की तहरीर पर द्दन सहित तीन को नामजद कर मारपीट की धारा में एनसीआर दर्ज की। दूसरे पीड़ित पक्ष से राधेश्याम पुत्र विधाराम की तहरीर पर भी मारपीट की मामूली धाराओं में एनसीआर दर्ज की। जिला अस्पताल में मंगलवार की सुबह घायल हरिराम की मौत हो गई। जबकि घायल गर्भवती पुत्रवधु विमला की हालत भी नाजुक बनी हुई है। सीओ रिसिया टीएन दुबे ने बताया कि दोनों पक्षों में पुरानी रंजिश में मारपीट हुई थी। जिसमें एक घायल की मंगलवार की सुबह मौत हो गयी है। कच्ची शराब का प्रकरण भी सामने आया है। इसकी तहकीकात कराई जाएगी। दोनों पक्षों की तहरीर पर एनसीआर दर्ज की गयी थी। जिसमें हरिराम की मौत होने पर एनसीआर को एफआईआर में परिवर्तित किया जा रहा है। लाश पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दी गयी है। प्रकरण में थाना स्थानीय पर दर्ज एनसीआर संख्या 216/18 धारा 323/504 भादवि को इलाज के दौरान अधेड़ की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर उक्त एनसीआर को अभियोग संख्या 225/18 धारा 323/504/308/304 भादवि तरमीम कर अब पुलिस ने 3 अभियुक्तों में से अभियुक्त राम सनेही व मथुरा को हिरासत में ले लिया गया है। सवाल यह उठता की ऐसा खूनी संघर्ष जिसने एक ज़िन्दगी को ही लील लिया हो वह स्थानीय पुलिस की नज़र में मामूली कैसे हो सकती है आखिर इतने गम्भीर प्रकरण पर पुलिस ने महेज़ एनसीआर ही क्यों दर्ज की एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की। अब देखने वाली बात है कि ज़रा सी लापरवाही बरतने पर निलम्बन का तोहफा थमा देने वाले कप्तान साहब नवागन्तुक रिसिया थानाध्यक्ष महोदय को कैसा तोहफा थमाते हैं। वहीं इस सम्बंध में जब हमने रिसिया थानाध्यक्ष महोदय से उनके सरकारी सीयूजी नम्बर पर सम्पर्क करने की कोशिश की तो लगातार रिंग बजने के बावजूद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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