तारिक खान, रायसेन ( मप्र ), NIT; जिला मुख्यालय रायसेन में वन विभाग द्वारा नवनिर्मित सामुदायिक वन भवन तथा आवासीय परिसर का वन मंत्री डॉ गौरीषंकर शेजवार ने लोकार्पण किया। लोकार्पण अवसर पर नवीन सामुदायिक भवन में दीनदयाल वनांचल सेवा के अंतर्गत स्वास्थ्य परीक्षण तथा उपचार षिविर भी आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनीता किरार, अपर मुख्य सचिव श्री दीपक खाण्डेकर, प्रधान वन संरक्षक श्री अनिमेष शुक्ला, अपर वन संरक्षक श्री जितेन्द्र अग्रवाल, कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे तथा डीएफओ श्री रमेष गनावा सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वन मंत्री डॉ गौरीषंकर शेजवार ने कहा कि वन विभाग द्वारा निर्मित यह सामुदायिक भवन न केवल शासकीय विभागों के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए उपयोगी होगा बल्कि आम जनता के लिए भी बेहद उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि नगर के मध्य में स्थित यह भवन बन जाने से विवाह एवं सामाजिक, सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के लिए अत्याधिक सुविधाजनक होगा। उन्होंने कहा कि रायसेन में एक ऐसे बड़े भवन की आवष्यकता थी जो आज पूरी हुई। उन्होंने इस भवन के उपयोग के लिए शुल्क निर्धारित करने, इसके संचालन के लिए नियम बनाने तथा नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देष दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तिथि में यह भवन किसी को आवंटित कर दिया जाए तो उसका आवंटन हर हाल में निरस्त नहीं किया जाए। वन मंत्री डॉ शेजवार ने कहा कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि दरिद्र नारायण की सेवा ही ईष्वर की सेवा है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल वनांचल सेवा के अंतर्गत सघन वनांचलों में निवासरत वनवासियों के विकास एवं कल्याण के कार्य योजनाबद्ध तरीके से किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वनवासियों के स्वास्थ्य, षिक्षा एवं उनके विकास के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत आज यहां स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार षिविर आयोजित किया गया है। इस उपचार षिविर में चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा तथा आवष्यक उपचार एवं परामर्ष दिया जाएगा। उन्होंने गर्भवती महिला का समुचित ध्यान रखने, पर्याप्त पोषण देने की बात कही ताकि स्वस्थ्य षिषु का जन्म हो। इसमें परिवार वालों के साथ-साथ एएनएम, आषा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वन मंत्री डॉ शेजवार ने कहा कि दीनदयाल वनांचल सेवा के अंतर्गत कुपोषण को दूर करने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। कम वजन वाले 200 बच्चों को गोद लेकर कुपोषण को दूर करने के सार्थक परिणाम मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा स्कूलों में जाकर पढ़ाया भी जा रहा है। उन्होंने वन विभाग द्वारा निर्मित भवनों की गुणवत्ता की सराहना की।
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