मकसूद अली, यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT; महाराष्ट्र के लगभग सभी क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ता बिजली विभाग की मनमानी से परेशान हैं। अक्सर जगहों पर बिना रीडिंग के एवरेज बिल भेजा जा रहा है। जिसके सुधार के लिए लोगों को कई दिनों तक बिजली विभाग के आफिसों के धक्के खाने पड रहे हैं, उसके बाद भी रीडिंग सही हो कर नहीं आता है। अधिकारियों से पूछने पर बताया जाता है कि रिडींग लेने और बिल में डालने का काम प्राइवेट कांट्रेक्टर को दिया गया है।जब तक वह रिडींग नहीं डालेंगे तो यह इसी तरह आता रहेगा। यही हाल बिल भेजने का भी है। अक्सर लोगों को बिल तो मिलता ही नहीं है और अगर मिलता भी है तो समय सीमा समाप्त होने के बाद। ऐसा ही मामला यवतमाल जिले में भी देखने को मिल रहा है। यवतमाल जिले में गत दो माह से शहर के कई वार्डो में उपभोक्ताओं को बिजली बिल प्राप्त न होने पर लोगों में बिजली कार्यालय के प्रती रोष पैदा हो रहा है। समय पर बिल प्राप्त न होने पर उपभोक्ता बिजली बिल नही भर पा रहे हैं, जबकि उसका हर्जाना उपभोक्ता पर लगाकर बिजली कार्यालय एक प्रकार का अन्याय कर रहा है जिससे स्थानीय उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है। बिजली कार्यालय ने बिल वितरण के लिए एक कंपनी को ठेका दे रखा है। एकलाइट कंपनी नाम की कांट्रेक्टर उपभोक्ताओं को बिल वक्त पर न देने से उपभोक्ता काफी परेशान हैं। करीब शहर के कई वार्ड में दो माह से बिल प्राप्त न होने पर उपभोक्ता परेशान है। लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द बिजली कार्यालय के तत्वधान से कारवाई की जाए, इतना ही नहीं मीटर रिडर भी बिल रिडींग लेट लेने पर जहा 100 युनिट से जयादा युनिट खर्च दिखता है और उसका हर्जाना उपभोक्ताओं को देना पडता है। इसलिए बिजली उपभोक्ताओ ने मांग की है कि बिजली कार्यालय के अधिकारी वर्ग जल्द से जल्द ध्यान दें और इस समस्या का हल निकालें।
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