गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
आशिर्वाद न्यूरो साइकियाट्रिक एवं मानसिक चिकित्सा केंद्र टांडा रोड TVS एजेंसी के ठीक सामने निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य शिविर लगाकर डॉ जे.के. ने 394 से अधिक मानसिक रोगियों का निःशुल्क इलाज किया। यह शिविर 30 अक्टूबर 2018 को दोपहर 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक चला।
आशीर्वाद न्यूरो डॉ जितेंद्र कुमार (जे.के.) द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार शिविर लगाया गया। शिविर में 394 से भी अधिक मानसिक रोगियों की जांच परीक्षण एवं उपचार किया गया। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के एम .आर .ए प्रोफेसर एवं मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर जे.के सहित कर्मचारी मौजूद थे। डॉ वर्मा ने कहा कि बीमारियों और अस्पताल का जिक्र आते ही दिमाग में जो पहली तस्वीर आती है वह खासते छींकते बुखार या फिर अस्पताल के बिस्तर पर पड़े मरीज की होती है। मीडिया की बातचीत में उन्होंने कहा कि मानसिक रोग लाइलाज नहीं है, इलाज के जरिए इन समस्याओं से बाहर निकाला जा सकता है।
इलाज के दौरान डॉ जे.के ने दी कुछ जानकारियां…
अब खुदकुशी की कोशिश को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया गया है यानी अपनी ज़िंदगी ख़त्म करने की कोशिश करने वालों को जेल नहीं भेजा जाएगा बल्कि उन्हें डॉक्टरी मदद दिलाई जाएगी। आखिर हम मानसिक परेशानियों को नकारने की कोशिश क्यों करते हैं? क्या दिमाग हमारे शरीर का हिस्सा नहीं है? सवाल सीधा है लेकिन जवाब उलझे हुए। हमने बचपन से कभी इन बीमारियों के बारे में बात होते सुना ही नहीं, किताबों में भी नहीं पढ़ा। हमने बस फिल्मों में देखा कि कोई पागल लड़की है जिसे पागलखाने में क़ैद कर दिया गया है, उसके बाल छोटे कर दिए गए हैं, उसे इलेक्ट्रिक शॉक दिया जा रहा है और वह चीख रही है।
आपने किसी ऐसे इंसान को देखा होगा जो अपने आप से बातें करता रहता है या फिर कोई ऐसा जो हमेशा मरने की बातें करता है और हर छोटी-छोटी बात पर रो देता है। आप उन खुशमिजाज़ और मस्तमौला लोगों से भी मिले होंगे, जिनकी खुदकुशी की ख़बर पर आपको यकीन नहीं होता। यह सब लक्षण मानसिक तनाव के कारण ही होता है। शिविर में उपस्थित अभिषेक पांडे, पंकज वर्मा, अशोक राय, विकास, सोनू यादव, सुनील श्रीवास्तव, जयप्रकाश ने अपना योगदान दिया।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.