अश्वनी मिश्रा, सिवनी/भोपाल (मप्र), NIT
भाजपा ने लगभग सभी सीटों के लिए प्रत्याशी तय कर लिए हैं। अमित शाह एवं उनकी टीम लिस्ट पर काम कर रही है। सीएम शिवराज सिंह सहित, कैलाश विजयवर्गीय और दूसरे नेताओं से भी नाम मांगे गए थे। सरकारी और गैर सरकारी करीब 6 से ज्यादा सर्वे रिपोर्ट कंपाइल कर ली गईं हैं लेकिन इन सबके बीच भाजपा के लिए एक बड़ी समस्या सामने आई है और वो है भीतरघात।
सभी 230 सीटों पर भीतरघात का खतरा
संघ, भाजपा, शिवराज सरकार और गैर सरकारी ऐजेंसियों ने कई तरह से प्रश्नों के जवाब जुटाए हैं। इन सबके अलावा अमित शाह की टीम ने भी हर सीट पर काम किया है। हर क्षेत्र और हर सीट का गणित अलग अलग है परंतु एक बात सभी सीटों पर एक जैसी है और वो है भितरघात। इस बार भाजपा में जबर्दस्त भितरघात का खतरा है। केवल टिकट के दावेदार ही नहीं, नाराज कार्यकर्ता भी भितरघात करेंगे। हालात यह हैं कि सीएम शिवराज सिंह की बुदनी विधानसभा में भी भितरघात की संभावनाएं जताई गईं हैं।
भीतरघात रोकने के लिए रायशुमारी
लिस्ट जारी करने से पहले तय किया गया कि भीतरघात के खतरे को कम से कम किया जाए। इसीलिए अचानक रायशुमारी कराई गई। पार्टी के पदाधिकारी, वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक, वर्तमान व पूर्व जिला अध्यक्ष, प्रदेश कार्यसमिति के पदाधिकारी, मोर्चों के वरिष्ठ पदाधिकारी, वर्तमान व पूर्व सांसद समेत अन्य नेताओं से प्राथमिकता के आधार पर तीन-तीन नाम मांगे गए हैं। इस तरह कोशिश की जा रही है कि नेताओं को यह महसूस कराया जाए कि प्रत्याशी चयन में उनकी राय का भी महत्व था। यदि वो नाराज भी हो तो उसकी राय के खिलाफ राय देने वाले स्थानीय नेता से ही हो। पार्टी से नाराज ना हो। चुनाव में चाहे शिथिल हो जाए लेकिन भीतरघात ना करे।
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