संदीप शुक्ला, भिंड ( मप्र ), NIT; भिंड जिला अस्पताल में लापरवाही का मामला फिर सामने आया है।यहां देर रात को दो घंटे की भीतर दो महिलाओं की मौत हो गई है। लोगों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
मिली जानकारी के अनुसार भिंड जिला अस्पताल में विगत रात में एक महिला की मौत के बाद उसके शव को ले जाने के लिये परिजनों को घंटों भटकते रहना पडा तो दूसरी महिला की मौत हो जाने के बाद अस्पताल का चिकित्सा स्टाफ घंटों तक आक्सीजन और ड्रिप लगाये रह कर परिजनों को भृमित करता रहा।
जानकारी के अनुसार गोरमी इलाके के रायतपुरा गांव के रामसनेही के पेट दर्द की शिकायत होने पर अपनी पत्नी को जिला चिकित्सालय लेकर आये जहां चार दिन बाद देर रात उनकी पत्नी की मौत हो गयी। मौत के बाद परिजन शव को ले जाने के लिये घटों तक भटकते रहे। मीडिया के पहुंच जाने के बाद पीडित परिजनों को एम्बूलेंस मुहैया कराई गयी।
वहीं मृतका के परिजनों का आरोप है कि उनसे एक कागज पर अंगूठा भी लगवा लिया गया, जबकि दूसरे मामले में भिंड शहर के वीरेन्द्र नगर के हाउसिंग कालोनी निवासी किरन तोमर को पेट दर्द की शिकायत पर रविवार को भर्ती कराया गया था। लेकिन सोमवार की रात नौ बजे उनकी मौत हो गई। परिजनों ने स्टाफ से कम्पलेंट की कि उनके मरीज में हलचल नहीं है तो स्टाफ द्बारा आननफानन में आक्सीजन और ड्रिप लागा कर ग्वालियर ले जाने की बात कही गई।
साथ ही रात ग्यारह बजे तक परिजनों को इलाज के नाम पर गुमराह किया जाता रहा। जब ड्यूटी डाक्टर मौके पर पहुंचे तब कहीं जा कर महिला किरन को मृत घोषित किया गया, हालांकि जब इस मामले में अपस्ताल के जिम्मेदार डाक्टर सिविल सर्जन से बात की तो वह किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा जांच से इंकार कर रहे थे। साथ ही उनका कहना है कि उनके पास किसी भी प्रकार की शिकायत नही आई है। आपको बता बता दें कि इसी महीने भिडं जिला चिकित्सालय को केन्द्र सरकार द्बारा कायाकल्प अवार्ड में प्रथम स्थान दिया गया था। जिसमें पच्चीस लाख की नगद राशि और प्रमाण पत्र केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिया था। बावजूद इसके जिला चिकित्सालय में लापरवाही के चलते होने वाली एक रात में दो-दो मौतें स्वास्थ्य अमले पर प्रश्न चिन्ह खडा करती हैं। अस्पताल के बाहरी परिदृष्य को कायाकल्प के तहत किसी बेहतरीन प्रायवेट अस्पताल की तर्ज पर चमकाया गया है लेकिन यहां आने वाले मरीजों को अस्पताल के अंदर इलाज में कुछ खास बदलाव नहीं आया है।
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