सुहेल फारूकी, मुंबई, NIT; हाल ही में हुए नगरपालिका चुनावों के नतीजों से उत्साहित बीजेपी लीडर व सांसद किरीट सोमैया ने बुधवार को रहस्योद्घाटन किया कि मुंबई में महानगरपालिका में माफिया राज खत्म करने के लिए बीजेपी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। सोमैया ने कहा कि नगरपालिका और नगर पंचायत चुनावों के बाद बीजेपी का टार्गेट मुंबई महानगपालिका चुनाव होगा। इस चुनाव में पार्टी उन तमाम छोटे और मित्र दलों से गठबंधन करेगी जो बीएमसी से ‘माफिया राज’ खत्म करने के लिए बीजेपी के साथ सहयोग करने को तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि इस गठबंधन में शिवसेना को शामिल नहीं किया जाएगा। इस बयान के बाद बीजेपी कार्यकर्ता इस पशोपेश में हैं कि सोमैया की बात पर भरोसा करें या फिर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बात पर, क्योंकि मंगलवार को ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि बीजेपी शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि कुछ लोग शिवसेना-बीजेपी के बीच झगड़ा लगाना चाहते हैं, लेकिन वे कामयाब नहीं होंगे। मुख्यमंत्री की बात का समर्थन बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने भी यह कह कर किया था कि शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बारे में बीजेपी की भूमिका सकारात्मक है। मुख्यमंत्री फडणवीस और प्रदेशाध्यक्ष के इस बयान के 24 घंटे बाद ही सांसद सोमैया का यह बयान आया है कि बीजेपी अकेले ही चुनाव लड़ेगी, हालांकि सोमैया के इस बयान को पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता की तरफ से अब तक समर्थन नहीं मिला है, लेकिन कहा जा रहा है कि बीजेपी अंदर ही अंदर इस की तैयारी कर रही है कि गठबंधन के लिए शिवसेना के समक्ष ऐसी मांगे रखी जाएं, जिन्हें शिवसेना किसी हालत में स्वीकार न करे ताकि अकेले चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो सके।
सोमैया के इस बयान पर शिवसेना की प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य निलम गोर्हे ने मीडिया को बताया कि फिजूल बड़बड़ करने वाले सोमैया को शिवसेना तवज्जों नहीं देती है, जो लोग गठबंधन पर बात करने के लिए अधिकृत हैं, वह जब शिवसेना से इस बारे में बात करेंगे, तब पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी। सोमैया के इस बयान से विरोधी दलों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बीजेपी-शिवसेना दोनों की मिली-जुली सत्ता 20 साल से मुंबई बीएमसी में हैं। बीजेपी चुनाव के मौके पर भले ही शिवसेना का ‘माफिया राज’ कह रही है, परंतु पिछले 20 साल में बीजेपी ने कभी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई। पिछले 20 सालों में बीएमसी में हुए करप्शन के लिए अकेले शिवसेना ही क्यों बीजेपी भी तो जिम्मेदार हैं।
जानकारों के अनुसार बीजेपी अब शिवसेना को करप्ट बताकर खुद को पाक-साफ बताने की कोशिश कर रही है, ताकि चुनाव में उसे ज्यादा सीटें मिल सकें। इस समय बीएमसी में शिवसेना के 75 और बीजेपी के 31 नगरसेवक हैं।
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