पीयूष मिश्रा/अश्वनी मिश्रा,भोपाल (मप्र), NIT:
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एनजीटी के उस आदेश का उल्लंघन किया है जिसमें पीओपी की गणेश प्रतिमाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया था। उन्होंने सीएम हाउस में पीओपी की गणेश प्रतिमा की स्थापना की और स्थानीय प्रेमपुरा घाट पर जाकर विसर्जन किया, जबकि सरकार पर्यावरण की दृष्टि से घाट पर विसर्जन गलत बताती है और लोगों से अपील करती है कि वो अपने घर पर गमलों में ही गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन करें। नगरनिगम लोगों को घाट पर विसर्जन करने के बजाए शहर भर में विसर्जन स्थल बनाता है ताकि घाटों को गंदा होने से बचाया जा सके।
चल समारोह से बाधित होता रहा यातायात
अनंत चतुदर्शी के अवसर पर सीएम शिवराज सिंह, लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह, श्री चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान, परिवार के सदस्य और उनके निजी स्टाफ के सदस्य चल समारोह में शामिल हुए। नगर निगम के अध्यक्ष श्री सुरजीत सिंह चौहान और भक्तगणों बडी संख्या जुलूस की शक्ल में निकली,जिसकी कोई प्रशासनिक अनुमति नहीं थी। इसकी कोई सार्वजनिक सूचना पूर्व से जारी नहीं की गई थी।
‘गणपति बप्पा मोरया-अगले बरस तू जल्दी आ’ का उदघोष करते हुए चल समारोह मुख्यमंत्री निवास से रवाना होकर पोलिटेक्निक चौराहा, रोशनपुरा, न्यू मार्केट, रंगमहल टॉकिज, जवाहर चौक, डिपो चौराहा, भदभदा चौराहा होतु हुए विसर्जन स्थल प्रेमपुरा घाट पहुंचा। इतने समय तक यातायात बाधित होता रहा।
एनजीटी का यह है आदेश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस संदर्भ में विस्तृत आदेश जारी किया था। इसके बाद मध्यप्रदेश राज्य शासन ने सभी कलेक्टरों को आदेश दिए थे कि पीओपी की गणेश प्रतिमाओं के उपयोग को प्रतिबंधित किया जाए, इतना ही विसर्जन को लेकर भी गाइड लाइन तय की थी। मूर्तियों में जहरीले रंग करने वाली सामग्री का न केवल मूर्तियों में उपयोग बल्कि सामग्री का उत्सवों में उपयोग करने से रोकने के लिए अभियान चलाया जाए। मूर्ति पर पेंट के उपयोग को हतोत्साहित किया जाए, जल में घुलनशील नॉन टॉक्सिक प्राकृतिक रंगो का उपयोग किया जाए। जहरीले एवं नॉन बायोडिग्रेडिंबिल रसायनिक रंगो से मूर्तियों को पेंट करना कड़ाई से प्रतिबंधित किया जाए।
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