एससी/एसटी संसोधन एक्ट के विरोध में प्रतापगढ़ के लालगंज में आल इंण्डिया रुलर बार एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश शुक्ल की अगुवाई में वकीलों तथा व्यापारियों ने किया विरोध प्रदर्शन | New India Times

दयाशंकर पांडेय, प्रतापगढ़ (यूपी), NIT; 

एससी/एसटी संसोधन एक्ट के विरोध में प्रतापगढ़ के लालगंज में आल इंण्डिया रुलर बार एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश शुक्ल की अगुवाई में वकीलों तथा व्यापारियों ने किया विरोध प्रदर्शन | New India Times​एससी/एसटी संसोधन कानून के विरोध में प्रतापगढ़ के लालगंज में आल इंण्डिया रुलर बार एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश शुक्ल की अगुवाई में वकीलों तथा व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि  जिस तरह से देश में मौन विरोध का खाका खींचा गया है वह आने वाली पीढ़ियों के लिए ऊर्जा व मजबूत राह दिखा सकता है। आजादी की लड़ाई कमज़ोर करने के लिए कितनी कोशिश हुई थी फिर भी देश आजाद हुआ था। देश की जनता को काले कानून की जंजीरों से जकड़ने का जो काला अध्याय लिखने का साहस सत्ताधीशों ने किया है वह अक्षम्य है। देश थम गया है, अपनी उस उम्मीद पर जिसकी कल्पना भी नहीं की होगी। न्यायपालिका से लेकर, चौकीदार की जबाबदेही निभाने वाले लोगों के मन में भी यह पीड़ा साफ झलक रही है, जो देश में काले अध्याय के रूप में परोसा गया है।​एससी/एसटी संसोधन एक्ट के विरोध में प्रतापगढ़ के लालगंज में आल इंण्डिया रुलर बार एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश शुक्ल की अगुवाई में वकीलों तथा व्यापारियों ने किया विरोध प्रदर्शन | New India Timesसवर्ण किस पाप की सजा भोग रहे हैं इसका जबाब नहीं है सत्तालोलुप नेताओं के पास! सत्ता संचालित कर रहे नुमाइंदो के पास!! आजादी की लड़ाई लड़ी सवर्णों ने! आजादी मिलते ही अगड़ा, पिछड़ा का खाका संविधान में ही खींच दिया गया!! तथापि सवर्ण अपनी, मेहनत, संघर्ष, संस्कृति और तजुर्बा को उद्देश्य मानकर देश की एकता, अखंडता को निभाता आ रहा है। परन्तु, जनता को धर्म की बेड़ी से जकड़ने वाले सत्ता लोलुप दलों ने गुमराह कर सत्ता हासिल करने के बाद किस तरह से अपना चरित्र परोस दिया है, वह अब उकेरने की जरूरत नहीं समझीं जाती है?

ST/SC कानून के सहारे चैलेंज दिया था हमारी समरसता व एकता को ?हमको बना दिया नागरिक दोयम दर्जे का?

अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का…??

देश को हिन्दुत्व व राम मंदिर के नाम पर गुमराह कर देश की हुकूमत हथियाने वाले, देश के सवर्ण समाज से कितनी नफ़रत पाले हुए थे यह उभरकर सामने आ चुका है, देश का आवाम जिस जगह है, जिस स्थिति में है वहीं थम गया है, ऐसी तस्वीरें तो आपातकाल लगा कर देखने को नहीं मिल सकतीं थी??

जो आज 6 सितम्बर 2018 को एक देश ने एक आवाज़ बन कर अपनी अनेेकता में एकता की मिशाल क़ायम की है!! देश मौन है, न हिलेगा, न डुलेगा, अहिंसा अस्त्र लेकर ऐसी नजीर पेश करेगा जो शांति का टापू , सोने की चिड़िया भारत देश है अपनी खुशहाली पर मस्त रहेगा!

आज सत्ता के कदम थामकर, सवर्ण समाज देश की व्यवस्था परिवर्तन के लिए तैयार है!! देश की एकता व सादगी की इबारत पढना मुश्किल होगा सत्ताधीशों को। जो मुगालते में थे देश की 75% जनता को काले कानून में बांधने के लिए।


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