रहीम हिंदुस्तानी, झाबुआ (मप्र), NIT;
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशा है कि मध्यप्रदेश स्वणिम प्रदेश की सूची में शामिल हो लेकिन यह कब कतार में शामिल होगा इसको लेकर जनता में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। खोखली घोषणाओं से प्रदेश कभी कतार में भी शामिल नहीं होगा, बरहहाल मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार अधिकारी कोई भी काम करने को तैयार नहीं हैं जिसकी वजह से नागरिक नरकिय जीवन जीने को मजबूर हैं। मामला है झाबुआ जिले सहीत मेघनगर विकासखंड में संबल योजना के कार्ड में गड़बड़ी व त्रुटियां होने के कारण नागरिक काफी परेशान हैं और बताते हैं कि ठेकेदार के द्वारा कार्ड में की छपाई में निम्न स्तर के कार्ड बनाए गए हैं। शासकीय मापदंडों के अनुसार कार्य नहीं किया गया है जिसका विरोध जनता कर रही है। घटिया किस्म के कार्ड है फिर भी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। बनाए गए संबल योजना के कार्ड को ठेकेदार ही संबल नहीं दे पाया है तो योजना हितग्राहियों को कहां तक संबल दे पाएगी? बताया तो यहां तक जा रहा है कि कार्ड को बनाने में मापदंडों का ध्यान नहीं रखा गया है। PVC कार्ड बनने थे लेकिन कागज के कार्ड बनाकर दिए गए हैं। ये कार्ड 5 वर्ष तक चल नहीं पाएंगे। इस तरह की गड़बड़ियां व निम्न स्तर के कार्ड व अन्य प्रकार की त्रुटियां होने के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। कार्ड अधिकांश हितग्राहियों को वितरण भी कर दिए गए हैं। अधिकतर कार्ड में नाम सही नहीं है तो किसी कार्ड में जाति सही नहीं है, तो कोई कार्ड में मोबाइल नंबर सही नहीं है फिर भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे जनता हो रही है परेशान और सरकार हो रही है बदनाम।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.