वी.के.त्रिवेदी, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT;
अक्सर जगह-जगह पर लिखा देखा होगा कि सावधानी हटी दुर्घटना घटी। यह इंसान रूपी शरीर बहुत मुश्किल से मिलता है और इस शरीर के साथ इंसान को खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। मानव शरीर समय-समय पर भगवान ने भी धारण किया है और पृथ्वी लोक पर आए हैं केवल इसलिए क्योंकि मानव शरीर बहुत मुश्किल से मिलता है। कहावत है कि अगर शरीर है तो सब कुछ है। आज के दौर में सभी लोग आगे भागने की कोशिश में हैं, आगे भागना बहुत ही अच्छी बात है परंतु यह भी पता होना चाहिए कि हम जल्दबाजी में क्या सही निर्णय ले रहे हैं। भगवान ने इंसान को समाज के उत्थान के लिए भेजा है अतः इंसान को अपने कर्तव्यों को समझना चाहिए और अति जल्दबाजी हमेशा ही नुकसानदायक होती है।हिंदुस्तान में बहुत से ऐसे स्थान है जहां पर रेलवे के फाटक नहीं हैं, लोग जल्दबाजी में दाएं बाएं न देखकर क्रॉस करते हैं जिसके कारण घटनाएं हो जाती हैं। बहुत जगह पर रेलवे फाटक मौजूद है उसके बावजूद भी केवल जल्दबाजी के कारण कि कैसे भी हम जल्दी पहुंचे रेलवे लाइन क्रॉस करते हैं कभी रेलवे लाइन में किसी का पैर फंस जाता है जिसके कारण उसे यमलोक जाना पड़ जाता है। कभी-कभी रेलवे लाइन पर मोटरसाइकिल का पहिया फंस जाता है और समय रहते उसको उठा नहीं पाता इसके कारण उसको यमलोक जाना पड़ता है। कोई ट्रेन आ रही है और उसका फाटक बंद है तो बहुत ज्यादा आपको दस मिनट ही तो इंतजार करना पड़ सकता है परन्तु हम लोग दस मिनट के समय का इंतजार नहीं कर सकते हैं जबकि इस लापरवाही से हमारा पूरा समय हमेशा के लिए जा सकता है। हमारा यह कहना है कि आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों है? अगर गंतव्य पर दस मिनट लेट पहुंचोगे तब उसमें कौन सा गुनाह हो जाएगा? इसी प्रकार आज युवा पीढ़ी मोटरसाइकिल को फर्राटे से दौड़ाते हैं और इतनी तेज चलाते हैं व उनके हाव भाव देखकर यही पता चलता है कि अगर इनकी टक्कर हाथी से हो जाये या पहाड़ से हो जाये तब हाथी या पहाड़ धराशाही हो जाएगा इनके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.