अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT;
आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित भटनागर, प्रदेश संगठन सचिव युवराज सिंह, प्रदेश संगठन सचिव मुकेश जायसवाल और नरेला विधानसभा प्रभारी रेहान जाफरी को बिजली आंदोलन के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर आज कोर्ट में पेश किया जहां से सभी जमानत पर रिहा कर दिया गया। सभी आप नेताओं पर 2017 के बिजली आंदोलन के दौरान विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। आप नेताओं को पुलिस ने मामले के निराकरण के लिए थाने बुलाया था। अपने बयान दर्ज कराने जब थाने पहुंचे तो आप नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में प्रस्तुत किया, जहां से न्यायाधीश ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। पुलिस ने बिजली आंदोलन के दौरान अमित भटनागर, युवराज सिंह, मुकेश जायसवाल, रेहान जाफरी समेत अन्य के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 353, धारा 332, धारा 148, धारा 149 और 188 के तहत मामला दर्ज किया था। इन्हीं मामलों में आज गिरफ्तारी की गई थी। गौरतलब है कि नवंबर 2017 में हुए बिजली आंदोलन के दौरान पुलिस ने आप के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल और प्रदेश संगठन मंत्री पंकज सिंह को उसी दौरान गिरफ्तार किया था। इस दौरान श्री अग्रवाल और श्री सिंह को 17 दिन जेल में रखा गया था।
इस बारे में टिप्पणी करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित भटनागर ने कहा कि आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर शिवराज सरकार अलोकतांत्रिक तरीके अपना रही है। आज की गिरफ्तारी को राजनीतिक षडय़ंत्र करार देते हुए श्री भटनागर ने कहा कि आम आदमी पार्टी आंदोलनों की पार्टी है और हम इस तरह से डरने वालों में से नहीं हैं। अपना राजनीतिक जनाधार खिसकता देख शिवराज सिंह राजनीतिक षडय़ंत्र के तहत आम आदमी पार्टी को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। बिजली की समस्याओं को लेकर किए गए प्रदर्शन में इससे पहले भी भाजपा सरकार ने हमारे प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश संगठन मंत्री को 17 दिन जेल में रखा था और आज फिर चार नेताओं को जेल पहुंचाने की साजिश रची गई। उन्होंने कहा कि हमें न्याय व्यवस्था पर भरोसा है और आज फिर जमानत देखकर अदालत ने भी आम आदमी पार्टी की सच्चाई पर मोहर लगाई है।
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