जुआ-सट्टेबाजी समाज के लिए हितकर या हानिकारक??? | New India Times

आसिफ शाह, मौ ( भिंड ), NIT; ​​जुआ-सट्टेबाजी समाज के लिए हितकर या हानिकारक??? | New India Timesआज आपको एक ऐसी बिमारी के बारे में बता रहे हैं जिससे कई घर बर्बाद हो चुके हैं।बिमारी का नाम है “सट्टा “।

समाज को सच का आइना दिखाते हुए हम आपको आज बता रहे है सट्टे के बारे में जहां एक रुपये का खेल खेलकर 80 रुपये के लालच में कई रुपये खर्च कर दिए जाते हैं और यहाँ तक की कर्जदार भी हो जाते हैं। इससे पैसे की बर्बादी होती ही है और उसके बाद शुरू होता है गृहकलश का खेल जिसमें बीवी-बच्चे और बड़े सब परेशान रहते हैं। केवल उस लालच में जो अभी तक किसी ने भी नहीं देख पाया। ​जुआ-सट्टेबाजी समाज के लिए हितकर या हानिकारक??? | New India Timesअब माजरा यह है कि अब इस खेल में आदमी फंसता ही जा रहा है। ​केवल इस लालच में के एक बार में काम हो जायेगा पर वह काम होगा कब?  आप एक भी सटोरिया बताइये जिसने सट्टे के पैसे से अपना परिबार चला लिया हो या पैसे वाला हो गया हो? एक भी नहीं मिलेगा। नगर की एक समिति के लोगों ने इस पर अच्छे से तहक़ीक़ात की है और इस नतीजे पर पहुंची है कि आज तक सट्टे से सिर्फ और सिर्फ लोग बर्बाद हुये हैं। ​जुआ-सट्टेबाजी समाज के लिए हितकर या हानिकारक??? | New India Timesयह एक ऐसा खेल है जो भूल भुलैया कहलाता है, जो सारे समाज को नष्ट कर रहा है।समिति के एक सदस्य ने बताया कि इस में सारा समाज बहुत ही भूल कर रहा है और सारा समाज जानता है कि इससे कितना नुक्सान हुआ है और अभी तक कोई पैसे वाला नहीं बन पाया है। नगर में कई लोग मौत काल में समा गये वो भी आज आपके सामने है। और भी कई चीजें (नशीले पदार्थ) जो समाज को गंदा कर रही है, उन पर भी समाज को जागरूक करने की पुलिस प्रसासन द्वारा अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। अब सही और गलत का फैसला आपके हाथ में है। आप किस रास्ते पर जाना चाहते है???


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By nit

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