फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT;
लोकतंत्र में जनता का वोट हासिल कर सत्ता की कुर्सी का स्वाद चखने के लिये चुनावों के दौरान नेता जमकर वादों की बौछार करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनके वादे महज़ भूले बिसरे गीत की तरह खो जाते हैं और फिर शुरू होता है कुर्सी की मलाई का स्वाद चखने का खेल। कुछ ऐसा ही हाल बहराइच नगर का है जहां महज़ 2 से 4 घण्टे की बारिश में शहर जलमग्न हो गया। आलम यह है कि घरों में घुसे पानी को निकालने के लिये वाटर पम्पों का सहारा तक लेना पड़ा। शहर वासियों ने क्या सोंच था कि जिसे वह नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन बनाने जा रहे हैं चुनाव जीतने के बाद वह अपने घर से बाहर ही नहीं निकलेंगी। मौसम विभाग ने पहले से ही सम्भावना जता दी थी कि इस वर्ष सामान्य से भी अधिक वर्षा होगी। ऐसे में नगर पालिका परिषद बहराइच ने भी पुख्ता इन्तेज़ाम किये जाने के दावे ठोंक दिये लेकिन पालिका के दावों की पोल महज 4 घण्टे की बारिश ने खोल कर रख दी है। पालिका का इन्तेज़ाम का हालत यह है कि महज 4 घण्टे की हूई बारिश से शहर चारों ओर से जलमग्न हो गया। यही नहीं जिला अस्पताल में भी बदइन्तेज़ामी के चलते ही पानी घुस गया जिससे मरीजों व तीमारदारों को खासा मशक्कतों का सामना करना पड़ा। शहर के घसियारीपुरा का हाल तो और भी बदत्तर रहा। सुबह से लोगों के घरों में घुसा पानी घण्टों मशक्कत के बाद भी नहीं निकाला जा सका। बारिश के कहर से घसियारीपुरा नव्वागढ़ी हमजापुरा बक्शीपुरा नईबस्ती चांदमारी आदि मोहल्लों में लोगों के घरों में घुटनों तक पानी भर गया। पूरा शहर हुआ तालाबमय शासन प्रशासन के सारे दावे हुए फेल जिला अस्पताल के सामने भी सडकों पर भरा बारिश का पानी लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया।
शहर के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों लोगों के घरों में घुसा पानी
पिछले 48 घंटे से रुक-रुक कर भारी बारिश होने से सड़कों और घरों में भारी जलभराव हो गया है। नगर पालिका प्रशासन द्वारा नालियों की सफाई न कराये जाने के चलते लोगों के घरों में पानी घुस गया वही शहर के नई बस्तियों कालोनियों में पानी मुसीबत बना हुआ है। घसियारी पुरा का इलाका “नवागढ़ी’ व बख्सीपुरा पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। जिससे लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नगर पालिका परिषद की बद-इन्तेज़ामी का आलम यह है कि लोगों के घरों में लगभग एक से डेढ़ फ़ीट पानी भरा हुआ है और रोड पर लगभग दो से ढाई फिट तक पानी भर गया जिससे जन जीवन अस्तव्यस्त है। नगर की स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है लेकिन जनता का मत हासिल कर पालिका की कुर्सी पर बैठने वाली पालिका चेयरपर्सन रूबीना रेहान ने जनता का हाल तक जानना उचित नहीं समझा। नगर मजिस्ट्रेट से लेकर ई0यो0 व पालिका कर्मी भले ही जनता के लिये सड़कों पर झूझते नज़र आये लेकिन जनता का वोट हासिल करने वाली नगर पालिका अध्यक्षा रूबीना ने जनता के बीच आकर उनका दुःख दर्द बांटना तक गंवारा नहीं समझा। शायद वह भूल रही हैं कि सत्ता के शिखर पर जो जनता किसी को बैठा सकती है वही जनता उपेक्षा का शिकार होने पर सत्ता से बाहर का भी रास्ता दिखा सकती है। खड़ंजों रोड पटरियों के ताबड़तोड़ नियमों व मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए टेंडर आमंत्रित करने वाली पालिका यदि समय रहते नगर के नालों की सफाई व्यव्यस्था सुनिश्चित करा लेती तो शायद आज स्थिति इतनी भयावह न होती।
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