अशफाक कायमखानी, सीकर (राजस्थान), NIT; उत्तरी भारत में खास तौर पर मेडिकल व इंजीनियरिंग साईड की तरफ जाकर स्टूडेंट्स के अपने भविष्य बनाने के लिये नीट व जेईई प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने के लिये कोटा के बाद सीकर शहर अब जाकर आलातरीन कोचिंग संस्थाओं का पूरी तरह प्रमुख केन्द्र बन चुका है। जहां दर्जनों कोचिंग संस्थाओं में देश भर के लाखों विज्ञान विषय के स्टुडेंट्स सीनियर कक्षा के साथ साथ फाऊंडेशन व फिर टारगेट कोर्स की कोचिंग लेकर दूनीया भर में सीकर के इन संस्थाओं से मिल रही रोशनी को फैलाकर चारों तरफ उजियारा कर रहे हैं।सीकर में करीब 22 साल पहले क्षेत्र की पहली सीएलसी नामक कोचिंग संस्थान Shrawan Clc द्वारा पीपराली रोड़ पर कायम करने के समय मुस्लिम समुदाय के स्टूडेंट्स मे उक्त तरह की कोचिंग पाने का पूरी तरह आभाव था। पीछड़े समुदाय की जाट जाति से तालूक होने व मुस्लिम साथियों व गावंवासियो के मध्य रहने वाले श्रवण चोधरी के जैहन मे बचपन से ही मुस्लिम युवाओं को भी इस क्षेत्र मे आगे बढाकर तरक्की की पटरी पर दोड़ाने का जूनून सवार था। उन्होंने अपने स्तर पर मुस्लिम स्टूडेंट्स को अपने संस्थान मे काफी रियायते दी एवं सबसे पहले डाॅ. इस्तियाक खान नामक फेकल्टी को सीएलसी मे रखा फिर उन्हें एक शाखा का हेड बनाया ताकि उनके मार्फत भी मुस्लिम समुदाय मे आला कोचिंग पाकर कामयाबी की मंजिल पाने का जज्बे व जूनून का संचार हो पाये।
हालांकि CLC नामक कोचिंग संस्थान के कायम होने के एक अर्शे बाद कुछ सीएलसी की फेकेल्टीज ने मिलकर अलग कोचिंग संस्थान खोले तो कुछ नामी संस्थानो की शाखाओं का सीकर शहर मे खुलना शुरू हुवा जो आज भी जारी है। कुछ सालो पहले कोटा की एक नामी कोचिंग संस्थान से Saurav Khan Mewati नामक युवक बतौर फेकेल्टी सीकर की एक कोचिंग को जोईन करने के बाद उनको मिलने वाले अतिरिक्त समय को उन्होंने मुस्लिम सामाजिक वर्कर व स्टुडेंट्स के मध्य उपयोग करते हुये समय की पुकार व जरुरत को ठीक से उनके जैहन मे डालते हुये आलातरीन कोचिंग संस्थानो से फाऊंडेशन व टारगेट करने की तरफ मुस्लिम स्टूडेंट्स मे झुकाव पैदा करने का परिणाम यह निकला कि आज सेंकड़ो मुस्लिम स्टुडेंट्स सीकर मे नीट व जेईई कलीयर करने के लिये कोचिंग पा रहे है। जिनमे लड़कियों की तादाद भी अच्छी खासी बताते है। सीकर मे जैईई की कोचिंग देने वाली मोडयूलस नामक नामी कोचिंग संस्थान मे बतौर रसायन विज्ञान फैकेल्टी सोरव खान मेवाती saurav khan mewati के अलावा मोडयूलस मे भी आसीफ खान IIT के अतिरिक्त करीब एक दर्जन मुस्लिम फेकेल्टीज सीकर शहर की अन्य कोचिंग संस्थानो मे कार्यरत है। जिनमें से अधिकांश का समुदाय मे जुड़ाव बढने से स्टुडेंट्स सीकर मे कायम एक दर्जन से अधिक संस्थानो मे प्रवेश पाकर आलातरीन कोचिंग पाकर मेडिकल व इंजीनियरिंग की तालीम पाने के प्रति ललक तेजी के साथ दिन दूनी रात चोगुनी बढ रही है।
कुल मिलाकर यह है कि जाट समुदाय के युवाओं द्वारा उक्त तरह की कोचिंग कायम करने व उनमें बतौर फेकल्टीज कार्यरत होने के कारण उनका अपने समुदाय में लोगों से सीधा जुड़ाव होने के कारण पीछले तीस साल में जाट समाज की अचानक काया पलट होने के साथ साथ स्टूडेंट्स नीट व जेईई के मार्फत परीक्षा पास करके विश्व में कामयाबी का डंका बजा रहे हैं। अगर इसी तरह मुस्लिम समुदाय मे भी होता है तो उसका सीधा असर समुदाय की युवा पिढी पर पड़ना तय है।
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